एयर इंडिया विमान दुर्घटना पर सरकार का बयान: “जांच प्रारंभिक चरण में, निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाज़ी”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शनिवार को कहा कि 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच रिपोर्ट अभी केवल प्रारंभिक है और अंतिम निष्कर्ष आने तक किसी भी तरह की अटकलें लगाना ठीक नहीं होगा।
नायडू ने कहा, “यह एक बेहद तकनीकी और चुनौतीपूर्ण जांच है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस प्रारंभिक रिपोर्ट का गहराई से विश्लेषण कर रहा है। कृपया कोई निष्कर्ष न निकालें जब तक कि अंतिम रिपोर्ट सार्वजनिक न हो जाए।”
प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाला खुलासा
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उड़ान भरने के ठीक तीन सेकंड बाद एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान के दोनों इंजनों में फ्यूल सप्लाई बंद हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजीशन में आ गए थे — और वह भी एक सेकंड के अंदर।
हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि यह स्विच गलती से बदले गए थे या जानबूझकर।
पायलटों के बीच संवाद भी रिकॉर्ड में दर्ज
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज बातचीत में एक पायलट दूसरे से पूछता है, “तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?” इस पर दूसरा पायलट जवाब देता है, “मैंने नहीं किया।”
इस फ्लाइट के कैप्टन थे 56 वर्षीय सुमीत सभरवाल, जिनके पास कुल 15,638 घंटे की उड़ान का अनुभव था। को-पायलट क्लाइव कुंदर (32 वर्ष) के पास 3,403 घंटे का अनुभव था।
नायडू ने देश के पायलटों और क्रू मेंबर्स पर विश्वास जताते हुए कहा, “हमारे पास दुनिया के सबसे बेहतरीन पायलट और क्रू हैं। वे हमारी एविएशन इंडस्ट्री की रीढ़ हैं।”
“ब्लैक बॉक्स देश में ही डिकोड किया गया” – राज्य मंत्री
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा, “पायलटों की बातचीत बहुत संक्षिप्त थी। केवल उसी आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना उचित नहीं है। AAIB बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र जांच करता है। हमने ब्लैक बॉक्स को देश के बाहर नहीं भेजा, यह भारत में ही डिकोड किया गया है।”
हादसे में 260 लोगों की मौत
लंदन के लिए रवाना हो रहा एयर इंडिया का यह विमान उड़ान भरते ही अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल भवन से टकरा गया था। इस भीषण दुर्घटना में विमान में सवार 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स समेत कुल 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 19 लोग ज़मीन पर मौजूद थे।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही कारणों पर स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकेगा। फिलहाल जांच जारी है।