सरकार और एजेंसी को मालेगांव बम विस्फोट के साजिशकर्ताओं का पता लगाना चाहिए: भैयाजी जोशी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: मालेगांव विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सात आरोपियों को बरी कर दिया है। बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए उन पर कई बड़े नेताओं के नाम लेने का दबाव बनाया गया था।
शनिवार को अपने पहले सार्वजनिक बयान में साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों ने उन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत, बीजेपी नेता राम माधव और इंद्रेश कुमार जैसे प्रमुख नेताओं का नाम लेने के लिए दबाव डाला।
रविवार को भोपाल एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने दोबारा दावा किया कि उनसे झूठी बातें कहलवाने की कोशिश की गई थी और जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया तो उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा, “मुझसे झूठ फैलाने को कहा गया, जो मैंने नहीं किया। इसी वजह से मुझे काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ी।”
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ RSS नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि जब साध्वी ने यह बात कही है, तो उसमें सच्चाई जरूर होगी क्योंकि यह साजिश लंबे समय से चल रही थी। उन्होंने कहा, “अब जबकि अदालत का फैसला आ गया है, यह साबित हो गया है कि यह एक साजिश थी। अब एजेंसियों और सरकार की जिम्मेदारी है कि यह पता लगाएं कि इस साजिश को अंजाम किसने दिया।”
महाराष्ट्र में चल रहे हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर भी भैयाजी जोशी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश की सभी भाषाएं भारतीय हैं और उनका सम्मान होना चाहिए। लेकिन एक ऐसी भाषा होनी चाहिए जो पूरे देश को जोड़े, और वह भाषा हिंदी है। उन्होंने कहा कि यह बात संघ लंबे समय से कहता आया है।
धर्मांतरण के मुद्दे पर भैयाजी जोशी ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है और यह सिर्फ आज नहीं, बल्कि पिछले 200-250 वर्षों से नागालैंड और मिजोरम जैसे राज्यों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी यह प्रक्रिया जारी है, लेकिन खुशी की बात है कि अब ईसाई समुदाय के कुछ संगठन भी इसके खिलाफ सामने आ रहे हैं, जिन्हें संघ का समर्थन प्राप्त है।
उन्होंने यह भी कहा कि संघ द्वारा घर वापसी का अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें जो लोग धर्मांतरित हो चुके हैं, उन्हें वापस लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अभियान जनजागरण और समझाइश के माध्यम से चलाया जा रहा है और इसमें सफलता भी मिल रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि धर्मांतरण का सबसे बड़ा कारण गरीबी और अज्ञानता है, और समाज द्वारा उपेक्षा भी इसकी एक प्रमुख वजह है।