हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक दिल्ली से गिरफ्तार

Haldwani violence mastermind Abdul Malik arrested from Delhi
(Representational Photo)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक अवैध मदरसे को ढहाए जाने के बाद हुई भीषण हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दंगे के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक के खिलाफ एनएसए लगाया जाएगा

बताया जा रहा है कि अब्दुल ने वर्षों पहले सरकारी जमीन पर अनधिकृत मदरसा बनाया था जिसे अब ध्वस्त कर दिया गया है। इसी मदरसे को ढहाए जाने के बाद हल्द्वानी में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 6 लोगों की मौत और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

अब्दुल पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर स्थानीय लोगों को उकसाया जिसके कारण पुलिस और सरकारी अधिकारी की टीम पर हमले हुए। पुलिस अब्दुल की कॉल डिटेल और पिछला रिकॉर्ड खंगाल रही है। शुरुआती जांच के मुताबिक, अब्दुल की दिल्ली में भी एक हवेली है।

इससे पहले हल्द्वानी हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था और गुरुवार की घटना के संबंध में पांच प्राथमिकी दर्ज की हैं।

बताया जाता है कि अब्दुल मलिक उस जमीन का पर अपना दावा करता है जहां जिला प्रशासन की एक टीम अवैध ढांचे को गिराने गई थी। पुलिस मलिक पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर सकती है। मलिक के अलावा पुलिस हिंसा में भूमिका के लिए अन्य संदिग्धों की भी तलाश कर रही है। पुलिस मलिक की कॉल डिटेल और उसका पिछला रिकॉर्ड खंगाल रही है।

हल्द्वानी हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

उत्तराखंड सरकार ने बनभूलपुरा क्षेत्र की घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं, जहां गुरुवार को अवैध रूप से निर्मित मदरसे को ध्वस्त करने पर भीड़ द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी। जांच रिपोर्ट अगले 15 दिन में सौंपनी होगी।

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, हलद्वानी के बाहरी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है, लेकिन गुरुवार को हुई हिंसा का केंद्र बनभूलपुरा इलाके में यह अब भी लागू है। शहर के बाहरी इलाके में दुकानें शनिवार को खुलीं लेकिन स्कूल बंद हैं। लेकिन, बनभूलपुरा क्षेत्र, जहां अभी भी कर्फ्यू लागू है, के निवासियों को समय-समय पर आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी गई है। सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं।

काठगोदाम तक ट्रेनों की आवाजाही भी फिर से शुरू कर दी गई है क्योंकि कहीं से किसी ताजा अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार की हिंसा में छह दंगाई मारे गए।

गुरुवार को 60 से अधिक लोग घायल हो गए क्योंकि स्थानीय लोगों ने नगरपालिका कर्मचारियों और पुलिस पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके, जिससे कई पुलिस कर्मियों को पुलिस स्टेशन में शरण लेनी पड़ी, जिसके बाद भीड़ ने पुलिस थाना में आग लगा दी।

एक पत्रकार समेत सात लोगों का शुक्रवार को तीन अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा था। इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।

 

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