इलाहाबाद हाई कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े मामलों की ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई: न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र ने 15 दिनों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया

Hearing on the transfer petition Shri Krishna Janmabhoomi Allahabad High Court: Justice Kshitij Shailendra reply 15 days
(Pic: Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज ट्रांसफर पिटीशन संख्या 988/2024 पर सुनवाई हुई, जिसे विजय सिंह तेवा ने अपने अधिवक्ता रीना एन सिंह ओर राणा सिंह के माध्यम से दायर किया था। इस याचिका में मथुरा में लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े मामलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की गई है।

मामले की पृष्ठभूमि

मथुरा की अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित छह से अधिक मामले लंबित हैं। इन मामलों में से एक महत्वपूर्ण मामला राधा रानी वृषभानु कुमारी वृंदावन द्वारा उनके ‘नेक्स्ट फ्रेंड’ अधिवक्ता रीना एन सिंह के माध्यम से मार्च 2024 में दाखिल किया गया था। यह मामला भी मथुरा अदालत में लंबित है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई

आज, इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की एकल पीठ ने इस ट्रांसफर पिटीशन पर सुनवाई की। अधिवक्ता रीना एन सिंह, जो हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रही थीं, को अधिवक्ता राणा सिंह ने सहयोग दिया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और उन्हें 15 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई की तारीख 20 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वेक्षण आदेश और नए मामलों की फाइलिंग पर रोक लगा रखी है, लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट के रोक आदेश से पहले दाखिल किया गया था। इसलिए इस मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है।

हिंदू पक्ष की दलीलें

हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता रीना एन सिंह ने तर्क दिया कि मथुरा की अदालत में मामलों की धीमी प्रगति और अनियमितताओं के कारण इन मामलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित करना न्यायहित में आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि ये मामले अत्यधिक संवेदनशील और ऐतिहासिक महत्व के हैं, जिनका शीघ्र निपटारा होना चाहिए।

प्रतिवादियों का पक्ष

प्रतिवादियों को कोर्ट द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। यह देखा जाएगा कि वे ट्रांसफर पिटीशन के खिलाफ क्या तर्क प्रस्तुत करते हैं।

अगली सुनवाई

20 फरवरी 2025 को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। तब तक, अदालत ने सभी संबंधित पक्षों को निर्देशित किया है कि वे मामले की प्रगति में सहयोग करें और समय पर अपने जवाब दाखिल करें। यह मामला श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े विवादों को एक नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और मामलों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह कदम न्यायिक प्रणाली में विश्वास को मजबूत करेगा।

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