“मैं कमरे में था”: एस जयशंकर ने ट्रंप के भारत-पाक संघर्ष विराम के दावों को खारिज किया

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को “आर्थिक युद्ध” करार देते हुए कहा कि यह हमला कश्मीर की पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत, पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद का जवाब देने में कभी पीछे नहीं हटेगा, चाहे उसके लिए किसी भी प्रकार के ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ का सहारा क्यों न लिया जाए।
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में न्यूजवीक से विशेष बातचीत में, जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को व्यापार के माध्यम से लागू कराया गया था। उन्होंने खुलासा किया कि वह स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ थे जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई की रात फोन पर बात की थी। उन्होंने साफ कहा कि “भारत के लिए व्यापार और संघर्षविराम को जोड़कर कोई चर्चा नहीं हुई।”
जयशंकर ने बताया, “मैं उस कमरे में मौजूद था जब उपराष्ट्रपति वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी और कहा था कि पाकिस्तान भारत पर एक बड़ा हमला करने जा रहा है… हमने कुछ बातों को स्वीकार नहीं किया और प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान की धमकियों से भारत की प्रतिक्रिया नहीं रुकेगी।”
जयशंकर ने बताया कि 9 मई की रात को पाकिस्तान की ओर से भारत पर बड़ा हमला हुआ, जिसका भारतीय सेना ने तुरंत और प्रभावी जवाब दिया। अगले दिन सुबह उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि “पाकिस्तान बातचीत को तैयार है।” उसी दिन दोपहर को पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घोष से संपर्क कर युद्धविराम की मांग की।
पहलगाम हमला – धार्मिक उकसावे की कोशिश:
जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश में गुस्से की लहर पैदा कर दी थी। उन्होंने कहा, “यह हमला न केवल अर्थव्यवस्था पर हमला था, बल्कि धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास भी था। आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर हत्या की।”
उन्होंने कहा, “हमने तय किया कि आतंकियों को सजा देना जरूरी है। यह मान लेना कि वे सीमा पार हैं, इसलिए जवाब नहीं दिया जा सकता — यह सोच अब बदलनी होगी। और यही हमने किया।”
भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया, जिसका उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। यह हमला पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘रेज़िस्टेंस फ्रंट’ द्वारा किया गया था।
ट्रंप का दावा गलत: जयशंकर
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में हेग में प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि उन्होंने व्यापार के जरिये भारत-पाक संघर्ष को रोका। ट्रंप ने कहा था, “मैंने फोन करके कहा — अगर लड़ाई करोगे तो व्यापार नहीं होगा।” लेकिन जयशंकर ने इसे पूरी तरह से गलत बताया।
“मेरे अनुभव के अनुसार, भारत की ओर से न तो व्यापार और न ही कूटनीति को इस तरह जोड़ा गया था,” जयशंकर ने कहा। “व्यापारिक टीमें अपना काम पेशेवर तरीके से कर रही हैं — वे उत्पादों और नंबर्स पर सौदेबाज़ी कर रही हैं, और यही उनका काम है।”