इयान चैपल का बड़ा बयान: “ऑली पोप नंबर 3 पर ऑस्ट्रेलिया के लिए आसान निशाना”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: एशेज़ की तपती गर्मियों से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने इंग्लैंड के एक बल्लेबाज़ को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका मानना है कि इंग्लैंड के उपकप्तान ऑली पोप इस बार ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के लिए सबसे आसान निशाने में शामिल होंगे।
27 वर्षीय पोप, जिनके नाम 61 टेस्ट में नौ शतक और औसत मध्य-30 के आसपास है, पांच मैचों की आगामी सीरीज़ में भारी दबाव के साथ उतरेंगे। चैपल का कहना है कि नंबर 3 पर उनकी मौजूदगी ऑस्ट्रेलिया को खासा उत्साहित करेगी।
पोप की स्थिति को और दिलचस्प बनाती है इंग्लैंड की विस्तृत टीम में शामिल 22 वर्षीय जेकब बेटेल की मौजूदगी। बेटेल ने इंग्लैंड सेट-अप में काफी प्रभावित किया है और कुछ टेस्ट मैच खेलने के बाद उन्हें भविष्य के प्रमुख खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि वह इस एशेज़ में खेलेंगे या नहीं, इस पर अभी भी चर्चा जारी है।
‘वाइड वर्ल्ड ऑफ स्पोर्ट्स’ के कार्यक्रम आउटसाइड द रोप में चैपल से पूछा गया कि क्या बेटेल को इस सीरीज़ में मौका मिल सकता है और पोप की नंबर 3 पर स्थिति कितनी सुरक्षित है। इस पर चैपल ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा (बेटेल उनकी जगह लेंगे), लेकिन अगर मैं एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी होता, तो पोप को तीन नंबर पर देखकर बहुत खुश होता।”
उन्होंने पोप की तकनीक और दबाव में प्रदर्शन को लेकर दो टूक राय पेश की। “पोप एक बहुत ‘ट्विची’ खिलाड़ी हैं। वह नंबर 3 पर आत्मविश्वास नहीं जगाते। जब आपका नंबर 3 बल्लेबाज़ मैदान पर उतरे, तो ड्रेसिंग रूम में एहसास होना चाहिए कि ‘यह खिलाड़ी हमें मजबूती देगा’।’’
चैपल ने तुलना करते हुए ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज़ रिकी पोंटिंग का उदाहरण दिया। “जब रिकी पोंटिंग नंबर 3 पर उतरते थे, तो लगता था कि वह न केवल नई गेंद का सामना कर लेंगे, बल्कि पलटवार भी करेंगे।” इसके विपरीत, चैपल का मानना है कि पोप की बॉडी लैंग्वेज और मूवमेंट ऑस्ट्रेलिया को मानसिक बढ़त दिला सकते हैं।
“पोप थोड़ा घबराए हुए, उछल-कूद करने वाले खिलाड़ी हैं। इसलिए मैं एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के तौर पर उन्हें नंबर 3 पर देखकर बहुत खुश होऊंगा। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस सीरीज़ में हमें बेटेल को देखने को मिलेगा।”
पिछला साल पोप के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा है। पाकिस्तान के उपमहाद्वीपीय दौरे में वह प्रभावित नहीं कर सके और न्यूजीलैंड के खिलाफ भी उनका प्रदर्शन मिश्रित रहा। जून में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में शतक ने उनके लिए वापसी की उम्मीदें जगाईं, मगर श्रृंखला का बाकी हिस्सा फीका रहा—एक पचास से अधिक का स्कोर और तीन बार दहाई से नीचे के रन।
