अमेरिका की दोहरी नीति पर भारत का प्रहार: रूसी तेल आयात पर ट्रंप की धमकी, खुद करते हैं अरबों डॉलर का व्यापार

India attacks America's double policy: Trump threatens to import Russian oil, but he himself does business worth billions of dollars
(File pic/Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को रूसी कच्चे तेल के आयात को लेकर एक बार फिर निशाने पर लिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भारत पर वर्तमान 25% आयात शुल्क को “बहुत अधिक” बढ़ाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने किसी नई दर का खुलासा नहीं किया।

ट्रंप ने यह बयान उस वक्त दिया जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया कि अमेरिका खुद भी रूस से यूरेनियम और उर्वरक जैसे उत्पादों का आयात करता है, फिर भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है। इस पर उन्होंने कहा, “मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। मुझे इसे जांचना होगा।”

यह बयान वाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आया, जो मूलतः 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक को लेकर बुलाई गई थी।

अमेरिका खुद करता है अरबों डॉलर का रूसी आयात

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण हमले के तीन साल बाद भी अमेरिका रूस से अरबों डॉलर का व्यापार कर रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 से अब तक अमेरिका ने रूस से लगभग $24.51 बिलियन का आयात किया है। 2024 में अकेले अमेरिका ने, उर्वरक: $1.27 बिलियन, यूरेनियम व प्लूटोनियम: $624 मिलियन, पैलेडियम: $878 मिलियन का आयात किया है।

भारत ने दोहरे मापदंडों पर उठाए सवाल

भारत ने अमेरिका और पश्चिमी देशों पर “दोहरे मापदंड” अपनाने का आरोप लगाया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यदि अमेरिका खुद रूस से ऊर्जा व खनिजों का आयात कर रहा है, तो भारत को इस पर क्यों धमकाया जा रहा है?

पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेले ने भी ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने चीन को “पास” दे दिया है, जबकि भारत जैसे करीबी सहयोगी के साथ संबंध खराब कर रहे हैं।

उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया: “भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन — जो अमेरिका का शत्रु है और रूस-ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार है — उसे 90 दिन की टैरिफ छूट मिल गई।”

सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “वे युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं, और अगर वे ऐसा करते रहेंगे, तो मैं खुश नहीं रहूंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ मुख्य समस्या उसकी ऊंची टैरिफ दरें हैं।

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