भारत का दबदबा कायम, वेस्टइंडीज़ की वापसी की कोशिश नाकाम
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: वेस्टइंडीज़ के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन भले ही मेहमान टीम ने देर से कुछ प्रतिरोध दिखाया, लेकिन भारत ने पूरे दिन खेल पर मज़बूत पकड़ बनाए रखी। जॉन कैंपबेल और शाई होप के बीच 100 रनों की साझेदारी वेस्टइंडीज़ के लिए सीरीज़ की पहली शतकीय साझेदारी साबित हुई, लेकिन यह टीम को बचाव की दिशा में निर्णायक मोड़ नहीं दे सकी। दिन का खेल समाप्त होते-होते वेस्टइंडीज़ की दूसरी पारी 248 रनों पर सिमट गई, जिससे भारत की पारी से जीत की संभावना प्रबल हो गई।
कैंपबेल-होप की साझेदारी ने दिखाया दम, पर नाकाफी साबित हुई
कैंपबेल ने 145 गेंदों में 87 रनों की दमदार पारी खेली, जिसमें उन्होंने कई आकर्षक चौके और दो ऊँचे छक्के भी लगाए। उनकी यह पारी न सिर्फ़ परिस्थितियों के खिलाफ़ थी, बल्कि दबाव के बीच भी आत्मविश्वास झलकाती थी। वहीं शाई होप ने भी संयमित बल्लेबाज़ी करते हुए अर्धशतक पूरा किया और टीम को संभालने का प्रयास किया। हालांकि, यह साझेदारी वेस्टइंडीज़ की लड़खड़ाती स्थिति में सिर्फ़ अस्थायी राहत ही दे सकी।
पहली पारी में 5 विकेट लेकर वेस्टइंडीज़ की कमर तोड़ने वाले कुलदीप यादव दूसरी पारी में उतने प्रभावशाली नहीं दिखे। उन्होंने 10 ओवरों में 50 रन लुटाए और कोई विकेट नहीं लिया। वहीं, जसप्रीत बुमराह को असामान्य रूप से 33वें ओवर तक गेंदबाज़ी के लिए नहीं बुलाया गया, जो भारत की रणनीति में अचानक आए बदलाव की ओर संकेत करता है। यह भी संभव है कि भारत ने पहले ही मैच को नियंत्रण में मानते हुए आक्रामकता में कुछ ढील दी हो।
फॉलो-ऑन का दबाव और भारत की गेंदबाज़ी का दबदबा
भारत ने पहली पारी में विशाल 270 रनों की बढ़त के बाद वेस्टइंडीज़ को फॉलो-ऑन खेलने के लिए मजबूर किया। चौथे दिन की शुरुआत वेस्टइंडीज़ ने 140/4 से की थी, लेकिन कुलदीप की शुरुआती सफलता—जिसमें होप का विकेट भी शामिल था—ने मेहमानों की उम्मीदों को झटका दिया। रवींद्र जडेजा ने तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर भारत के स्पिन आक्रमण को मजबूती दी, जबकि मोहम्मद सिराज और बुमराह ने निचले क्रम को संभलने का कोई मौका नहीं दिया।
खारी पियरे (23) और एंडरसन फिलिप (24) ने थोड़ी देर तक संघर्ष किया, लेकिन यह प्रयास वेस्टइंडीज़ को 81.5 ओवर में 248 रनों पर सिमटने से नहीं रोक सका।
भारत का पूर्ण नियंत्रण, जीत की ओर मज़बूत क़दम
कप्तान शुभमन गिल और मुख्य कोच गौतम गंभीर की अगुवाई में भारत ने हर विभाग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। स्पिनरों ने घरेलू परिस्थितियों का भरपूर लाभ उठाया, जबकि तेज़ गेंदबाज़ों ने प्रभावशाली समर्थन दिया। वेस्टइंडीज़ की देर से आई लड़ाई सराहनीय ज़रूर रही, पर भारत के सामने फीकी पड़ गई।
तीसरे दिन का खेल यह स्पष्ट संकेत दे गया कि भारत न केवल इस मैच में, बल्कि पूरी सीरीज़ में विजयी होने की ओर अग्रसर है। वेस्टइंडीज़ को अब चमत्कारी प्रदर्शन की दरकार है, जबकि भारत के लिए जीत बस औपचारिकता बनती जा रही है।
