भारत 2035 तक बनेगा $10.6 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था, कई राज्य होंगे $1 ट्रिलियन क्लब में: मॉर्गन स्टेनली रिपोर्ट

India will become a $10.6 trillion economy by 2035, many states will be in the $1 trillion club: Morgan Stanley reportचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: वैश्विक वित्तीय संस्थान मॉर्गन स्टेनली की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2035 तक इसका आर्थिक आकार दोगुना होकर $10.6 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे तीन से पांच राज्य 2030 से 2035 के बीच $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाले बन सकते हैं और दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होंगे।

रिपोर्ट में ताजा आंकड़ों के आधार पर भारत के शीर्ष तीन राज्यों के रूप में महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना को चिन्हित किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने बीते पांच वर्षों में रैंकिंग में काफी सुधार किया है।

मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि आगामी दशक में भारत वैश्विक वृद्धि में 20% योगदान देगा और कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए कमाई का मुख्य स्रोत बन जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस लक्ष्य को हासिल करने में भारत के 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

राज्य न केवल राजकोषीय प्रबंधन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, बल्कि नीतिगत सुधारों, निवेश प्रोत्साहन, और व्यापार की सुगमता के माध्यम से भी आपस में प्रतिस्पर्धा करते हैं। यह प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद (Competitive Federalism) भारत को विश्व का उत्पादन केंद्र बनाने में मदद कर सकता है और आने वाले सात वर्षों में प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने में सहायक होगा।

रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया कि भारत में पिछले दशक में भौतिक आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) में तेज़ी से विकास हुआ है। 2015 में जीडीपी का 1.6% खर्च होने वाली केंद्र सरकार की पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) अब 2025 में जीडीपी के 3.2% तक पहुंच चुकी है।

इसके चलते हाईवे नेटवर्क में 60% की वृद्धि, हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी, और मेट्रो नेटवर्क चार गुना तक बढ़ा है। केंद्र सरकार की योजनाएं जैसे पीएम गति शक्ति, नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन, भारतमाला, सागरमाला और उड़ान (UDAN), राज्यों के सहयोग से तेज़ी से क्रियान्वित की गई हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राज्यों की नीतिगत और विधायी शक्तियां भारत को एक वैश्विक निर्माण केंद्र के रूप में उभारने में निर्णायक साबित होंगी। बिजली, जल, और शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में राज्यों की भूमिका निवेश को गति देने में अहम रहेगी।

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