भारत संयुक्त राष्ट्र के साथ रचनात्मक सहयोग जारी रखेगा: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर

India will continue to have constructive cooperation with the United Nations: Union Minister Manohar Lal Khattarचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र (UN) के साथ रचनात्मक रूप से जुड़कर वैश्विक शांति, सतत विकास और ग्लोबल साउथ (वैश्विक दक्षिण) की आवाज़ को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

संयुक्त राष्ट्र दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले आठ दशकों में संयुक्त राष्ट्र ने संघर्षों को रोकने, अंतरराष्ट्रीय कानून को प्रोत्साहित करने और पिछड़े राष्ट्रों के विकास में अहम भूमिका निभाई है।

मनोहर लाल ने भारत की G20 अध्यक्षता की थीम “One Earth, One Family, One Future” (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य) का उल्लेख करते हुए कहा कि आज की दुनिया में साझा वैश्विक जिम्मेदारी और सहयोग की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण हमें पारस्परिक रूप से जुड़े वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान खोजने के लिए प्रेरित करता है।

भारत-UN साझेदारी को बताया मजबूत

मंत्री ने भारत और संयुक्त राष्ट्र के बीच मजबूत साझेदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘इंडिया-UN डेवलपमेंट पार्टनरशिप फंड’ और ‘इंडिया-UN ग्लोबल कैपेसिटी बिल्डिंग इनिशिएटिव’ जैसे कार्यक्रम भारत के कर्मप्रधान दृष्टिकोण और दक्षिण-दक्षिण सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशनों में सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय शांति सैनिकों (UN Peacekeepers) को श्रद्धांजलि अर्पित की और आतंकवाद के खिलाफ भारत की अडिग नीति को दोहराया। साथ ही, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में सुधार, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि इसे अधिक समावेशी और प्रतिनिधिक बनाया जा सके।

इससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि “संयुक्त राष्ट्र में सब कुछ ठीक नहीं है।” उन्होंने कहा कि इस संगठन के निर्णय अब न तो इसके सदस्यों के हितों को प्रतिबिंबित करते हैं, और न ही यह आज की वैश्विक प्राथमिकताओं का समाधान प्रस्तुत करता है।

जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सदस्य देश ने उस आतंकी समूह को बचाया था जिसने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।

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