टेस्ट क्रिकेट में भारत की गिरती स्थिति से बढ़ा गौतम गंभीर पर दबाव: आकाश चोपड़ा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: हेडिंग्ले में इंग्लैंड से पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार के बाद भारतीय टेस्ट टीम की गिरती फॉर्म ने मुख्य कोच गौतम गंभीर पर दबाव बढ़ा दिया है। पूर्व सलामी बल्लेबाज़ आकाश चोपड़ा का मानना है कि टीम की असंतुलित संरचना और लगातार हार गंभीर के कार्यकाल पर सवाल खड़े कर रही है।
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर भारत की हार का विश्लेषण करते हुए कहा, “हमारी टीम में टेलेंड बल्लेबाज़ी नहीं करता और टॉप ऑर्डर गेंदबाज़ी नहीं करता। कम से कम थोड़ा बहुत तो करना चाहिए। मैं यह नहीं कह रहा कि कोई 15 ओवर डाले, जैक्स कैलिस जैसा ऑलराउंडर हो, लेकिन जैसे दक्षिण अफ्रीका वियान मुल्डर को नंबर 3 पर खिला रहा है या एडन मार्कराम गेंदबाज़ी कर रहे हैं, वैसे कुछ विकल्प तो होने चाहिए।”
चोपड़ा ने कहा कि जब बल्लेबाज़ कुछ ओवर डालते हैं तो टीम को संतुलन मिलता है, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ गेंदबाज़ी में योगदान नहीं करते, जिससे कप्तान के पास विकल्पों की कमी हो जाती है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के हालिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का उदाहरण देते हुए कहा, “मुल्डर को ऊपर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया, भले ही वो टॉप ऑर्डर बैटर नहीं हैं। ऐसा करने से टीम को संतुलन मिलता है, जो भारत में नहीं दिखता।”
हेडिंग्ले टेस्ट में भारत ने ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को मौका दिया था, लेकिन वह गेंद और बल्ले दोनों से कोई खास प्रभाव नहीं डाल सके। चोपड़ा ने कहा, “शार्दुल ने पहले रन भी बनाए हैं और विकेट भी लिए हैं, लेकिन इस बार उनका प्रदर्शन कमजोर रहा।”
आंकड़ों की बात करें तो पिछले नवंबर में न्यूजीलैंड से घरेलू श्रृंखला में क्लीन स्वीप के बाद से भारत ने नौ टेस्ट मैचों में सिर्फ एक जीत दर्ज की है। इस पर चोपड़ा ने कहा, “गौतम गंभीर पर बहुत ज़्यादा दबाव है। उन्होंने अब तक केवल तीन मैच जीते हैं — दो बांग्लादेश के खिलाफ और एक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ। लेकिन उन्होंने तीन न्यूज़ीलैंड से, तीन ऑस्ट्रेलिया से और अब एक इंग्लैंड से भी हारे हैं। लगातार हार हो रही है।”
चोपड़ा ने चेतावनी दी कि अगर भारत इंग्लैंड के खिलाफ चल रही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में वापसी नहीं करता, तो गंभीर की कोचिंग भूमिका पर सवाल उठेंगे। उन्होंने कहा, “अगर यह सीरीज़ भी हाथ से निकल गई तो निश्चित तौर पर सवाल उठेंगे कि टीम जा कहां रही है, कर क्या रही है? क्योंकि चयनकर्ता वो सब दे रहे हैं जो टीम मैनेजमेंट मांग रहा है – खिलाड़ी, उनकी संख्या, जिस खिलाड़ी की ज़रूरत है, वो सब मिल रहे हैं। अब अगर सब कुछ मिल रहा है, तो नतीजे भी चाहिए। बहाने नहीं चलेंगे।”
हालांकि आलोचनाओं के बावजूद गौतम गंभीर ने हार के बाद बयान में अपने युवा गेंदबाज़ों पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा, “हम जब टीम चुनते हैं, तो भरोसे पर चुनते हैं, उम्मीद पर नहीं। हमें यकीन है कि ये लड़के हमारे लिए प्रदर्शन करेंगे।”