G7 में पीएम मोदी के भाषण से पहले भारत की तेज़ आर्थिक विकास दर बनी चर्चा का केंद्र
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कनाडा के कैलगरी के पास आयोजित G7 समिट के Outreach Session को संबोधित करेंगे। यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है और 2025 के लिए IMF के अनुसार 6.2% की अनुमानित GDP ग्रोथ दर के साथ अकेला ऐसा बड़ा देश है, जिसकी विकास दर 6% से अधिक है।
भारत की आर्थिक उपलब्धियां:
IMF के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में भारत की GDP ग्रोथ 6.2% रहने की संभावना है, जबकि अमेरिका की 1.8%, कनाडा की 1.4% और ब्रिटेन की 1.1% रहने का अनुमान है। जापान और फ्रांस 0.6%, इटली 0.4% और जर्मनी शून्य प्रतिशत की ग्रोथ के साथ सबसे पीछे है।
2024 में भारत की औद्योगिक विकास दर 5.9% रही, जो G7 देशों से कहीं अधिक है। कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान और जर्मनी सभी इससे काफी पीछे हैं।
सर्विस सेक्टर में भी भारत सबसे आगे है, जहां PMI (Purchasing Managers Index) 60.1 है। G7 में सबसे अधिक PMI इटली का है 54.1, बाकी सभी देश इससे नीचे हैं।
G7 समिट में भारत की भूमिका:
भारत G7 का स्थायी सदस्य नहीं है, लेकिन उसकी बढ़ती आर्थिक और भू-राजनीतिक अहमियत के चलते बार-बार समिट में आमंत्रित किया जाता है। इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी को विशेष आउटरीच सत्र में बुलाया गया है, जहां वे वैश्विक शांति, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि जैसे मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण साझा करेंगे।
भारत-कनाडा संबंधों में नया मोड़:
पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और कनाडा के रिश्तों में हाल ही में तनाव आया था। अब कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ मोदी की द्विपक्षीय बैठक भी होगी, जिससे दोनों देशों के संबंधों में सुधार की उम्मीद है।
पीएम मोदी मंगलवार शाम को क्रोएशिया के लिए रवाना होंगे, जहां उनकी यात्रा का अगला चरण शुरू होगा।
G7 समिट में भारत की भागीदारी और पीएम मोदी का संबोधन, भारत की वैश्विक भूमिका और आर्थिक शक्ति को रेखांकित करता है। दुनिया की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि पीएम मोदी इस मंच से क्या संदेश देते हैं और भारत किस तरह से वैश्विक चुनौतियों पर नेतृत्व करता है।