क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत की ऐतिहासिक छलांग, पीएम मोदी बोले – युवाओं के लिए शिक्षा क्षेत्र में बेहतरीन खबर
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि यह देश के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है और सरकार युवाओं के हित में अनुसंधान व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बेहतरीन खबर लेकर आई है। हमारी सरकार भारत के युवाओं के हित में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस उपलब्धि को साझा करते हुए बताया कि इस साल रिकॉर्ड 54 भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों (HEIs) ने वैश्विक रैंकिंग में जगह बनाई है, जो 2014 में मात्र 11 संस्थानों की तुलना में पांच गुना वृद्धि है।
प्रधान ने कहा, “यह परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा बीते एक दशक में लागू किए गए शिक्षा क्षेत्र के व्यापक और क्रांतिकारी सुधारों का परिणाम है। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) न केवल हमारे शिक्षा क्षेत्र को बदल रही है, बल्कि उसे पूरी तरह से रूपांतरित कर रही है।”
प्रधान ने यह भी बताया कि भारत अब G20 देशों में सबसे तेज़ी से बढ़ती शिक्षा प्रणाली बन गया है और अमेरिका, ब्रिटेन व चीन के बाद चौथा सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश बन गया है।
IIT दिल्ली बना भारत का शीर्ष संस्थान
रैंकिंग में IIT दिल्ली भारत का सर्वोच्च रैंक प्राप्त संस्थान बना, जो पिछले वर्ष की 150वीं रैंक से बढ़कर अब 123वें स्थान पर पहुंच गया है — यह संस्थान की अब तक की सर्वश्रेष्ठ वैश्विक रैंकिंग है। IIT बॉम्बे 129वें स्थान पर रहा, जबकि IIT मद्रास ने भी 47 स्थानों की बड़ी छलांग लगाते हुए 180वां स्थान हासिल किया।
इसके अलावा IIT खड़गपुर (215), IISc बेंगलुरु (219) और दिल्ली विश्वविद्यालय (328) ने भी रैंकिंग में जगह बनाई है। निजी संस्थानों में BITS पिलानी (668) और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (851-900) ने भी सूची में स्थान पाया है।
इस बार पहली बार 8 भारतीय संस्थानों ने पहली बार QS रैंकिंग में प्रवेश किया है — जो किसी भी देश से सबसे अधिक नई प्रविष्टियाँ हैं।
QS की यह वैश्विक सूची लगातार 14वें वर्ष MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के नेतृत्व में जारी रही।
शिक्षा मंत्री प्रधान ने भरोसा जताया कि नई शिक्षा नीति के ज़रिए शोध, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर बल देकर भारत के और भी अधिक उच्च शिक्षण संस्थान भविष्य में वैश्विक उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों को छुएंगे।