रेलवे के भोजन में सिर्फ ‘हलाल मीट’ उपयोग के दावे पर IRCTC का स्पष्टीकरण; ‘ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं’

IRCTC clarifies claim of using only 'Halal' meat in railway food; 'There is no such compulsion'
(Pic for representation)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज़्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने गुरुवार को साफ किया कि ट्रेनों में परोसे जाने वाले नॉन-वेज भोजन में केवल हलाल-प्रोसेस्ड मीट इस्तेमाल किए जाने का दावा पूरी तरह निराधार है। सोशल मीडिया पर एक बार फिर उठे विवाद के बीच IRCTC ने स्पष्ट किया है कि रेलवे में परोसे जाने वाले भोजन के लिए किसी भी प्रकार की हलाल सर्टिफिकेशन की कोई अनिवार्यता नहीं है।

यह विवाद जुलाई 2023 में सोशल मीडिया पर पहली बार चर्चा में आया था, लेकिन हालिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि NHRC ने हलाल सर्टिफाइड मीट को लेकर दर्ज शिकायत पर रेलवे को नोटिस भेजा है। इसी के बाद यह मुद्दा फिर सुर्खियों में लौट आया है।

IRCTC का बयान: हलाल पर नहीं, केवल FSSAI मानकों पर आधारित है भोजन

IRCTC ने स्पष्ट किया कि ट्रेनों में परोसे जाने वाले नॉन-वेज भोजन, मुख्यतः चिकन, का प्रबंधन Food Safety and Standards Act, 2006 और उसके बाद हुए संशोधनों के तहत किया जाता है। भोजन की तैयारी और परोसने की पूरी प्रक्रिया FSSAI के कड़े मानकों के अनुरूप होती है, और सभी लाइसेंसी वेंडरों को इन नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना पड़ता है।

कॉर्पोरेशन ने कहा कि रेलवे द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का वह पूर्णपालन करता है और कैटरिंग सेवाओं में कहीं भी हलाल मीट संबंधी कोई अलग नीति लागू नहीं है। बयान में कहा गया कि “रेलगाड़ियों में परोसे जाने वाले भोजन में हलाल-प्रोसेस्ड मीट की अनिवार्यता संबंधी अफवाहें पूरी तरह गलत हैं और इन्हें दूर करने के लिए यह स्पष्टीकरण जारी किया जा रहा है।”

शिकायत में लगाए गए भेदभाव के आरोप

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि रेलवे केवल हलाल-प्रोसेस्ड मीट का उपयोग कर नॉन-वेज भोजन उपलब्ध कराता है, जो धार्मिक आधार पर भेदभाव और यात्रियों की पसंद की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। शिकायत में कहा गया कि यह प्रथा हिंदू और सिख यात्रियों की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है और उनके धार्मिक स्वतंत्रता, समानता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन करती है।

IRCTC के ताज़ा बयान ने इस पूरे विवाद पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि रेलवे में किसी भी प्रकार की “हलाल-केवल” नीति लागू नहीं है और भोजन पूरी तरह सरकारी नियमों के तहत, सभी यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है।

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