“बहुत मुश्किल है इसे शब्दों में बयां करना”: ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली का भावुक भाषण
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: आईपीएल 2025 फाइनल में जब विराट कोहली ने जीत की मिठास चखी, तो उनका पहला कदम उसी जगह की ओर था, जहां कुछ महीने पहले दिल टूटा था — नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद। 2023 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली करारी हार के बाद यहीं एक कोने में गुमसुम बैठे विराट की तस्वीरें हर क्रिकेटप्रेमी की आंखों में बस गई थीं।
लेकिन इस बार कहानी बदली हुई थी, मैदान वही था, पर नतीजा जीत का था। RCB ने पंजाब किंग्स को हराकर 18 सालों के लंबे इंतज़ार को खत्म किया, और कोहली ने अपने दिल से निकली बातों को ड्रेसिंग रूम में साझा किया।
“अब ये ‘हार्टब्रेक कॉर्नर’ नहीं रहा”
मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में अपने करीबी दोस्त एबी डिविलियर्स के साथ पहुंचे कोहली ने हंसते हुए ड्रेसिंग रूम के एक हिस्से को देखकर कहा, “ये वही कोना है जहां मैं वर्ल्ड कप के बाद बैठा था, लेकिन अब ये हार्टब्रेक कॉर्नर नहीं रहा।”
राजत पाटीदार को खास श्रद्धांजलि
अपने भावनात्मक भाषण में कोहली ने कप्तान राजत पाटीदार और बल्लेबाज़ मयंक अग्रवाल की जमकर तारीफ की। पाटीदार, जो पहले चोटिल खिलाड़ी की जगह टीम में आए थे, अब ट्रॉफी उठाने वाले कप्तान बन गए।
“क्या जबरदस्त बदलाव है — इंजरी रिप्लेसमेंट से लेकर आईपीएल विजेता कप्तान तक। कमाल है यार!” कोहली ने पाटीदार की तरफ बैट फेंकते हुए कहा।
“मैच विनर्स की पूरी फौज है ये”
कोहली ने कहा, “बहुत मुश्किल है इसे समझाना। मुझे लगता है कि असली एहसास तब होगा जब हम बेंगलुरु पहुंचेंगे और शहर तथा हमारे फैन्स के साथ जश्न मनाएंगे, जिन्होंने हर अच्छे-बुरे वक्त में हमारा साथ दिया। पूरी टीम मैच विनर्स से भरी हुई थी। हर किसी ने सही समय पर जिम्मेदारी ली और टीम के लिए खड़ा हुआ।”
उन्होंने मयंक अग्रवाल को भी खास रूप से सराहा, जो देवदत्त पडिक्कल की जगह टीम में आए थे। “ये लड़का, लोकल लड़का, RCB का बैज सीने पर गर्व से पहनता है। बेंगलुरु का खून दौड़ता है इसकी रगों में। आज इसने कुछ खास कर दिखाया।”
“आप बेंगलुरु के उतने ही अपने हैं, जितने हम हैं: मयंक अग्रवाल
मयंक ने भी विराट की तारीफ करते हुए कहा, “सॉरी बीच में बोल रहा हूं, लेकिन आपने 18 साल इस फ्रेंचाइज़ी को दिए हैं। मैं पूरे यकीन से कह सकता हूं कि आप उतने ही बेंगलुरु के हैं जितना कोई और हो सकता है। आपको शायद अंदाज़ा हो, लेकिन कल और आने वाले दिनों में आप इस शहर के प्यार को महसूस करेंगे।”
“मैं बस खुश हूं कि ये RCB के साथ हुआ”
कोहली ने अपनी बात इस भावनात्मक पंक्ति के साथ खत्म की: “मैं बस खुश हूं कि ये मैं RCB के साथ कर पाया।”
18 सालों की वफादारी, अनगिनत उतार-चढ़ाव, और अंत में ट्रॉफी, विराट कोहली की RCB यात्रा अब एक परीकथा की तरह लगती है, जिसमें अंत भला तो सब भला।