जामिया यूनिवर्सिटी ने अपमानजनक सोशल मीडिया संदेशों और झूठी अफवाहों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, जांच समिति गठित
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने हाल ही में सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर फैल रही भ्रामक और अपमानजनक जानकारी को लेकर गंभीर चिंता जताई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस कृत्य की निंदा करते हुए स्पष्ट किया कि कुछ असामाजिक तत्व और संगठन, जो विश्वविद्यालय से कोई संबंध नहीं रखते, ने विश्वविद्यालय और उसके छात्रों की छवि को बदनाम करने का प्रयास किया है।
विश्वविद्यालय ने जानकारी मिलने के बाद तुरंत ही निलंबित छात्रों की तस्वीरों और विवरण को सार्वजनिक स्थानों से हटा दिया। विश्वविद्यालय ने ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है और इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।
13 फरवरी 2025 को जारी एक आधिकारिक बयान में विश्वविद्यालय ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी छात्रों ने बिना अनुमति के शैक्षणिक ब्लॉकों में घुसकर कक्षाओं और पुस्तकालय तक की पहुंच को बाधित किया। इसके बावजूद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से अपनी मांगों पर बातचीत करने का प्रयास किया था, लेकिन छात्रों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
विश्वविद्यालय ने सभी छात्रों को सलाह दी है कि वे भ्रामक अफवाहों का शिकार न हों और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें, साथ ही नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लें।