कार्लोस अल्कारेज को हराकर ने जैनिक सिनर ने विंबलडन की ट्रॉफी जीती, नजर स्वर्णिम युग पर

Jannik Sinner beats Carlos Alcaraz to win Wimbledon trophy, eyes on golden eraचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: जानिक सिनर ने विंबलडन 2025 का खिताब जीतने के बाद अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी कार्लोस अल्कारेज को चेतावनी दी है कि वह इससे भी मजबूत होकर वापसी करेंगे। सेंटर कोर्ट पर शानदार पावर हिटिंग के दम पर सिनर ने अल्कारेज को 4-6, 6-4, 6-4, 6-4 से हराकर न सिर्फ फ्रेंच ओपन फाइनल में मिली दर्दनाक हार का बदला लिया, बल्कि अल्कारेज के दो साल लंबे विंबलडन शासन का भी अंत कर दिया। यह सिनर का चौथा ग्रैंड स्लैम खिताब है और पिछले चार ग्रैंड स्लैम फाइनल में उनका यह तीसरा खिताब है। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी सिनर ने साफ किया कि वह यहीं नहीं रुकने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि वो अभी भी खुद को सर्वश्रेष्ठ स्थिति में नहीं मानते क्योंकि 23 साल की उम्र में कोई खिलाड़ी अपनी चरम स्थिति में नहीं होता। उन्होंने कहा कि वो अल्कारेज से लगातार प्रेरणा लेते हैं और आज भी उन्हें लगा कि कुछ पहलुओं में अल्कारेज उनसे बेहतर खेल रहे थे, जिस पर आगे काम किया जाएगा क्योंकि अल्कारेज फिर से चुनौती देने वाले हैं। सिनर ने कहा कि अब उन पर एक बड़ा निशाना बन चुका है, इसलिए उन्हें पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ना होगा।

यह जीत सिनर के लिए मानसिक रूप से भी बहुत बड़ी थी क्योंकि उन्होंने जून में रोलां गैरो में दो सेट की बढ़त गंवाकर और तीन चैंपियनशिप पॉइंट खोकर फाइनल गंवाया था। इसके अलावा अल्कारेज के खिलाफ वो लगातार पांच मुकाबलों में हार चुके थे, जिनमें पेरिस, रोम और बीजिंग के फाइनल शामिल थे। ऐसे में यह जीत उनके लिए बेहद अहम थी।

सिनर ने माना कि जब आप किसी खिलाड़ी से कई बार हारते हैं तो यह आसान नहीं होता, लेकिन उन्होंने कभी खुद को कमजोर नहीं समझा और हमेशा महसूस किया कि वो जीत के करीब हैं। उन्होंने कहा कि यहां आकर विंबलडन जीतना उनके लिए अविश्वसनीय अनुभव रहा। उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि फ्रेंच ओपन की हार से उबरना आसान नहीं था और उन्होंने इसके बाद खुद से काफी बात की, खुद से सवाल किए और खुद को स्वीकार करना सीखा। उन्होंने कहा कि वो इस बात पर सबसे ज्यादा गर्व महसूस करते हैं कि उन्होंने मानसिक तौर पर खुद को संभाला और हर अभ्यास सत्र में खुद को झोंका, भले ही वो मानसिक रूप से थके हुए क्यों न हों।

सिनर ने यह भी कहा कि वो भले ही मैदान पर रोए नहीं, लेकिन यह जीत बेहद भावुक है क्योंकि सिर्फ वो और उनके करीबी लोग जानते हैं कि पिछले कुछ महीनों में उन्होंने कोर्ट पर और कोर्ट के बाहर क्या कुछ सहा है। उन्होंने बताया कि रोलां गैरो के बाद उन्होंने खुद से कहा था कि यह समय खुद को गिराने का नहीं है क्योंकि अगला ग्रैंड स्लैम आ रहा है और उन्होंने वहां शानदार प्रदर्शन किया। सिनर और अल्कारेज ने पिछले सात ग्रैंड स्लैम में से सात में से सभी जीते हैं और अब वे पुरुष टेनिस की नई धुरी बन चुके हैं।

सिनर के कोच डैरेन केहिल ने माना कि दोनों के बीच मुकाबला आने वाले वर्षों में टेनिस पर राज करेगा, लेकिन उन्होंने इसे फेडरर, नडाल और जोकोविच की स्वर्णिम त्रयी से तुलना करने से इनकार किया। केहिल ने कहा कि उस दौर में ग्रैंड स्लैम जीतने के लिए खिलाड़ी को क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल में उन तीनों में से किसी को हराना पड़ता था।

उन्होंने माना कि सिनर और अल्कारेज को उस स्तर तक पहुंचने में अभी वक्त लगेगा, लेकिन जिस तरह की शुरुआत इन दोनों ने की है, वह शानदार है। उन्होंने कहा कि ये दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे को लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और यह प्रतिद्वंद्विता असली है, जो उम्मीद है कि अगले 10 से 12 वर्षों तक टेनिस को रोमांचित करती रहेगी।

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