एशिया कप 2025 से बाहर रह सकते हैं जसप्रीत बुमराह, टीम मैनेजमेंट की रणनीति

Jasprit Bumrah may be out of Asia Cup 2025, team management's strategy

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: एशिया कप 2025 से पहले टीम इंडिया के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बुमराह इस बार एशिया कप में टीम का हिस्सा नहीं होंगे। यह फैसला टीम मैनेजमेंट की वर्कलोड मैनेजमेंट रणनीति के तहत लिया गया है, जिससे बुमराह की फिटनेस को लंबे समय तक बनाए रखा जा सके।

जसप्रीत बुमराह को लेकर यह सतर्कता कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में उनकी फिटनेस को लेकर कई बार चिंता जताई जा चुकी है और इसी कारण वह सीमित प्रारूपों में ही भाग लेते रहे हैं। 2024 के टी20 विश्व कप फाइनल के बाद से अब तक बुमराह ने टी20 प्रारूप में कोई मुकाबला नहीं खेला है, और यह साफ संकेत है कि टीम मैनेजमेंट उन्हें सिर्फ बड़े टूर्नामेंटों और हाई-स्टेक्स सीरीज के लिए तैयार रख रही है।

अगर वह एशिया कप से बाहर रहते हैं तो यह भारत के लिए एक चुनौती तो होगी, लेकिन साथ ही युवा तेज गेंदबाजों को खुद को साबित करने का बड़ा अवसर भी मिलेगा। वर्तमान में अर्शदीप सिंह भारत की टी20 टीम में एकमात्र नियमित तेज गेंदबाज के रूप में बने हुए हैं, जबकि अन्य गेंदबाजों को रोटेशन के आधार पर मौका दिया जा रहा है।

बुमराह की अगली संभावित वापसी अक्टूबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में हो सकती है। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी नजर आ सकते हैं। इसके अतिरिक्त, 2026 टी20 विश्व कप से पहले प्रस्तावित टी20आई श्रृंखला में भी उनकी भागीदारी की संभावना है।

हालांकि, वह फिलहाल ब्रेक पर हैं, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार बुमराह पूरी तरह फिट हैं और जब भी टीम उन्हें बुलाएगी, वह प्रभावशाली प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनकी हालिया फॉर्म इसकी पुष्टि करती है।

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले, तीसरे और चौथे टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया और सिर्फ तीन मैचों में 14 विकेट झटके। खासतौर पर लॉर्ड्स टेस्ट में उनका 5 विकेट के लिए 74 रन का स्पेल बेहद यादगार रहा, जिससे उन्हें लॉर्ड्स ऑनर्स बोर्ड पर स्थान मिला — जो हर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर का सपना होता है।

दिलचस्प बात यह रही कि इस सीरीज में भारत को एकमात्र जीत उस टेस्ट में मिली, जिसमें बुमराह प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे। इसके बावजूद उनके प्रदर्शन ने यह सिद्ध कर दिया कि सीमित ओवरों से लेकर टेस्ट तक, जसप्रीत बुमराह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की रीढ़ बने हुए हैं।

टीम प्रबंधन के इस फैसले से स्पष्ट है कि बुमराह की फिटनेस और फॉर्म को बड़े टूर्नामेंटों के लिए प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे वह जब भी मैदान में उतरें, अपनी पूरी क्षमता के साथ टीम को जीत दिला सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *