पत्रकारिता को नया आयाम दे रही हैं सरस मेले में ‘पत्रकार दीदी’

'Journalist Didi' is giving new dimension to journalism at Saras Fairचिरौरी न्यूज़

गुरुग्राम: लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रुप में मीडिया आज इंटरनेट और सूचना के अधिकार से बहु-आयामी और अनंत बन गया है। वर्तमान समय में मीडिया की उपयोगिता, महत्व और भूमिका बढ़ती जा रही है। बात अगर देश की ग्रामीण महिलाओं के अधिकार, आजीविका, विकास, उत्थान और जागरुकता की हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इसकी एक बेहतरीन उदाहरण सरस आजीविका मेले की ये पत्रकार दीदी हैं।

गांव में अपनी अमिट पत्रकारिता की छाप छोड़ने के बाद ये दीदी आज गुरुग्राम के सरस आजीविका मेले में अपनी रिपोर्टिंग कर रही हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय के विशेष आमंत्रण पर आईं ये पत्रकार दीदी किसी पत्रकारिता के संस्थान से नहीं हैं, बल्कि झारखण्ड के सुदूर गाँवों से है। धनबाद  से लगभग 40 किलोमीटर दूर निरसा प्रखंड श्यामपुर पंचायत गांव पांडेडीह की रहने वाली सावित्री दीदी पत्रकार हैं।

सावित्री झारखंड स्टेट लाइव्लीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) द्वारा अलग-अलग चरणों में प्रशिक्षण लेकर आज एक परिवक्व पत्रकार बन चुकी है। सावित्री अपने जिलें के विभिन्न गांव की स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने में अहम भूमिका निभा रही है। सावित्री की तरह पत्रकार दीदी प्रीती कुमारी की भी पत्रकारिता की यात्रा झारखंड के पलामू के सतबरवा गांव से शुरु होकर आज गुरुग्राम पहुंच चुकी है। ये पत्रकार दीदी इन ग्रामीण महिलाओं को कच्चे माल की जानकारी देना, खाता-बही तैयार करना, बैंकों से लोन दिलवाने में सहायता करने से लेकर मार्केटिंग के गुण सिखाती हैं। इस तरह ये पत्रकार दीदी ग्रामीण स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को रोज़गार दिलाकर पत्रकारिता के बहुआयामी चेहरे की शानदार मिसाल है।

सावित्री तीसरी बार ग्रामीण विकास विभाग के मीडिया विभाग के साथ मिलकर पूरे मेले की रिपोर्टिंग कर रही हैं। झारखण्ड की यह बेटियां ग्रामीण महिलाओं की सकारात्मक कहानियाँ शेयर कर देश भर में सुर्खियां बटोर रही हैं। भारत के विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं आकर्षक हस्त निर्मित वस्तुओं को लेकर आई इन स्वंय सहायता समूह की महिलाओं का यह मेला 23 अक्टूबर तक है।

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