कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु भगदड़ के लिए आरसीबी को जिम्मेदार ठहराया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: आईपीएल 2025 में जीत के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) द्वारा आयोजित विजय परेड को लेकर कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट में चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में बताया गया कि RCB ने 4 जून को बेंगलुरु में विजय परेड का आयोजन “एकतरफा” तरीके से किया और इसके लिए शहर की पुलिस से न तो अनुमति ली गई और न ही कोई समुचित योजना बनाई गई थी।
बिना अनुमति दी गई सार्वजनिक निमंत्रण
रिपोर्ट के अनुसार, RCB प्रबंधन ने 3 जून को सिर्फ पुलिस को परेड की जानकारी दी, लेकिन आवश्यक सात दिन पहले लिखित अनुमति नहीं मांगी। Cubbon Park पुलिस स्टेशन ने KSCA (कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) द्वारा दी गई जानकारी को अपर्याप्त मानते हुए अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद, RCB ने 4 जून की सुबह 7:01 बजे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुफ्त प्रवेश और विजय परेड की घोषणा कर दी, जिससे लाखों लोगों ने इसका संज्ञान लिया।
सोशल मीडिया पोस्ट से बढ़ा जनसैलाब
रिपोर्ट में कहा गया कि RCB द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट्स को कुल 44 लाख व्यूज़ मिले, जिससे अनुमानित 3 लाख से अधिक लोग बेंगलुरु की सड़कों और चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हो गए। मेट्रो में उस दिन 9.66 लाख यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज हुई, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या लगभग 6 लाख होती है।
भीड़ में भगदड़, 11 की मौत
रिपोर्ट में बताया गया कि 4 जून दोपहर 3 बजे के बाद, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई, जो स्टेडियम की 35,000 की क्षमता से कई गुना ज्यादा थी। दोपहर 3:14 बजे RCB द्वारा पहली बार घोषणा की गई कि स्टेडियम में प्रवेश “सीमित पास” से ही होगा। इससे भीड़ में भ्रम और गुस्सा फैल गया।
भीड़ ने स्टेडियम के गेट नंबर 1, 2 और 21 को जबरन तोड़ डाला, जिससे कई स्थानों पर भगदड़ मच गई। इसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हुए।
कार्यक्रम रद्द क्यों नहीं किया गया?
सरकार की रिपोर्ट में बताया गया कि भीड़ की भावनाओं और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम को अचानक रद्द नहीं किया गया, क्योंकि इससे दंगे भड़क सकते थे। इसलिए कार्यक्रम की अवधि कम करके और पुलिस निगरानी बढ़ाकर एक “संवेदनशील और संतुलित” फैसला लिया गया।
आयोजकों की लापरवाही पर सवाल
रिपोर्ट ने RCB, DNA नेटवर्क और KSCA की जिम्मेदारियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जिन पर कार्यक्रम के प्रबंधन की जिम्मेदारी थी। रिपोर्ट में कहा गया कि आयोजकों की ओर से कोई योजना, भीड़ नियंत्रण व्यवस्था या समुचित सूचना पुलिस को नहीं दी गई थी।
अब हाई कोर्ट में इस रिपोर्ट के आधार पर RCB और अन्य आयोजकों की भूमिका की जांच की जा रही है। कोर्ट ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश देते हुए कहा कि इसे गोपनीय रखने का कोई कानूनी आधार नहीं है।