कर्नाटक हाई कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया को रोका, 16 जनवरी तक राहत
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना, जो कि पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के पोते हैं, के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया को रोकने का आदेश दिया। यह आदेश हाई कोर्ट के जस्टिस एम. नागप्रसन्ना की बेंच ने दिया, जिसमें यह निर्देश दिया गया कि बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आरोप तय नहीं किए जाएं, जब तक 16 जनवरी तक इस मामले की सुनवाई नहीं होती। इससे पहले आरोप तय करने की तारीख 13 जनवरी निर्धारित की गई थी।
यह आदेश प्रज्वल रेवन्ना द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया। कोर्ट ने आदेश दिया कि ट्रायल कोर्ट 16 जनवरी तक मामले की सुनवाई जारी रखे।
प्रज्वल रेवन्ना ने अपनी याचिका में अपने ड्राइवर से संबंधित दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य (फोटो और वीडियो) की मांग की थी। आरोप है कि ड्राइवर ने प्रज्वल रेवन्ना के व्यक्तिगत मोबाइल फोन से निजी वीडियो और फोटो कॉपी किए थे।
अतिरिक्त विशेष सरकारी अभियोजक बी.एन. जगदीश ने हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया कि पेन ड्राइव और डीवीडी पहले ही प्रज्वल रेवन्ना को प्रदान की जा चुकी हैं और वह अब फोन में पाए गए पूरे डेटा और सामग्री की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आगे तर्क किया कि प्रज्वल रेवन्ना का यह कदम मुकदमे की प्रक्रिया को विलंबित करने के इरादे से उठाया गया है।
प्रज्वल रेवन्ना के वकील ने कहा कि उन्हें सभी रिपोर्ट्स प्रदान नहीं की गई हैं। कोर्ट ने इस पर सवाल उठाया कि ऐसा क्यों जरूरी है क्योंकि इस मामले में कई महिलाओं की गोपनीयता शामिल है।
प्रसाशन ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (A) (यौन उत्पीड़न), 354 (B) (महिला के कपड़े फाड़ने की नीयत से हमला या बल प्रयोग), 354 (C) (महिला के निजी कार्यों के दौरान उसकी छवि देखना या कैद करना), 376 (2) (N) (पुलिसकर्मियों और अन्य सार्वजनिक सेवकों द्वारा एक महिला के साथ बार-बार बलात्कार), 376 (2) (K) (महिला पर नियंत्रण या प्रभुत्व होने की स्थिति में बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (साक्ष्य को नष्ट करने) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की धारा 66 (E) के तहत आरोप लगाए हैं।
विशेष जांच दल (SIT) ने इस यौन शोषण वीडियो मामले में प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ 1,691 पन्नों का चार्जशीट विशेष अदालत में पेश किया। चार्जशीट में कहा गया है कि पीड़िता के साथ राइफल की नोक पर बलात्कार किया गया था और इस घटना का वीडियो बनाया गया था। पीड़िता को बार-बार यौन उत्पीड़न किया गया और वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी दी गई।
चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया कि पीड़िता डर के कारण शिकायत दर्ज नहीं करा पाई।