काशी–तमिल संगमम् 4.0: वाराणसी से चेन्नई पहुंचे 300 छात्र, रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत; राज्यपाल आर.एन. रवि ने IIT मद्रास में किया संवाद

Kashi-Tamil Sangamam 4.0: 300 students arrive in Chennai from Varanasi, receive a grand welcome at Chennai Railway Station; Governor R.N. Ravi interacts with them at IIT Madras.चिरौरी न्यूज

चेन्नई/ वाराणसी: काशी तमिल संगमम् 4.0 के तहत काशी से करीब 300 छात्र दक्षिण भारत की शैक्षणिक और सांस्कृतिक राजधानी चेन्नई पहुंचे। चेन्नई रेलवे स्टेशन पर छात्रों का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर आईआईटी मद्रास के अधिकारियों, शिक्षकों एवं जनप्रतिनिधियों ने छात्रों का अभिनंदन कर दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक एकता और आपसी सहयोग का संदेश दिया।

चेन्नई पहुंचने के बाद आईआईटी मद्रास पहुंचे छात्रों का स्वागत आईआईटी मद्रास के अधिकारियों ने किया। इस दौरान तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर.एन. रवि ने छात्रों से मुलाकात की। श्री आर.एन. रवि ने छात्रों को काशी और तमिलनाडु की साझा संस्कृति के बारे में चर्चा की और इस संगमम् की विशेषताओं के बारे में अवगत कराया।

यह पहली बार है जब काशी से इतने बड़े स्तर पर छात्र दक्षिण भारत की यात्रा पर गए हैं। इस शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक यात्रा के दौरान छात्र तमिल भाषा, साहित्य, संस्कृति, परंपराओं और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन करेंगे। साथ ही, उन्हें दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों को देखने और समझने का अवसर भी मिलेगा।

आईआईटी मद्रास के अधिकारियों ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि काशी और तमिलनाडु दोनों ही भारत की प्राचीन सभ्यताओं के प्रमुख केंद्र रहे हैं। इस तरह की यात्राएं न केवल भाषा और संस्कृति को समझने में सहायक होती हैं, बल्कि देश की एकता और अखंडता को भी मजबूत करती हैं।

छात्रों में इस यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला। चेन्नई रेलवे स्टेशन पर पारंपरिक अंदाज में स्वागत किए जाने से छात्रों का मनोबल और अधिक बढ़ गया। छात्रों ने कहा कि यहां की हरियाली, मंदिरों की भव्यता और भाषा–संस्कृति का ज्ञान उनके लिए एक नया और अद्भुत अनुभव है।

300 छात्रों को 10 ग्रुप में बाटा गया है। यह सभी 10 दिनों तमिल सीखेंगे अन्य विश्वविद्यालयों में रहेंगे और दक्षिण भारत का भ्रमण करेंगे। इस पूरे आयोजन का समापन रामेश्वरम में किया जायेगा।

न्यूटन, बीएचयू संस्कृत छात्र ने कहा इस यात्रा में हम लोगों को काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। दक्षिण भारत की संस्कृति, मंदिर और तमिल भाषा को करीब से समझने का मौका मिलना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। काशी और तमिलनाडु का यह संगम सच में अविस्मरणीय है।

बादल, पीएचडी छात्र ने कहा काशी–तमिल संगमम् के माध्यम से देश की विविधता में एकता का वास्तविक अनुभव हो रहा है। यहां की शिक्षा व्यवस्था, भाषा और परंपराएं हमें नई दृष्टि देती हैं। यह यात्रा हमारे शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी।

कुल मिलाकर, काशी से चेन्नई तक छात्रों की यह यात्रा न केवल ज्ञानवर्धन का माध्यम है, बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक सेतु को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय कदम भी है।

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