काशी तमिल संगमम 4.0: आध्यात्मिक दल ने किया श्रीराम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी एवं सरयू घाट का पावन दर्शन

Kashi Tamil Sangamam 4.0: The spiritual delegation visited the sacred sites of Shri Ram Janmabhoomi, Hanuman Garhi, and Saryu Ghat.चिरौरी न्यूज

अयोध्या: काशी तमिल संगमम 4.0 के अंतर्गत अयोध्या पहुंचे आध्यात्मिक दल ने प्रातःकाल सर्वप्रथम श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचकर श्रीराम लला के पावन दर्शन किए। दर्शन के दौरान प्रतिनिधि गहरी भावनाओं में डूबे नजर आए तथा कई की आंखों से श्रद्धा के आंसू छलक उठे। सभी प्रतिनिधियों ने एक स्वर में “जय श्रीराम” के जयघोष किए, जिससे संपूर्ण मंदिर परिसर भक्तिमय हो उठा।

दर्शन उपरांत प्रतिनिधियों ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की भव्य वास्तुकला, अद्भुत नक्काशी एवं रामायण से प्रेरित मंदिर प्रांगण में स्थापित मूर्तिरूपों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। कई प्रतिनिधि मंदिर प्रांगण में बैठकर श्रीराम नाम का जप करते भी देखे गए।

इसके पश्चात सभी प्रतिनिधि श्री हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां उन्होंने प्रभु श्रीराम के परम भक्त श्रीहनुमान जी के दर्शन किए और “जय हनुमान” के उद्घोष लगाए। दर्शन के उपरांत प्रतिनिधियों ने स्मृति स्वरूप धार्मिक वस्तुओं की खरीदारी भी की। इसके बाद दल ने पावन सरयू घाट पहुंचकर आध्यात्मिक शांति, श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह का अनुभव किया।

प्रतिनिधि विजय कुमारी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचकर उन्हें असीम शांति, आध्यात्मिक आनंद और दिव्यता की अनुभूति हुई। श्रीरामलला के दर्शन से उनका हृदय श्रद्धा से भर उठा। हनुमानगढ़ी में अद्भुत सकारात्मक ऊर्जा तथा सरयू घाट पर स्नान एवं आचमन से आत्मिक शांति प्राप्त हुई। उन्होंने इस सुव्यवस्थित दर्शन व्यवस्था के लिए माननीय प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं अयोध्या प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।

शांति ने बताया की अयोध्या के श्रीराम मंदिर धाम में प्रवेश करते ही मन श्रद्धा, भक्ति और शांति से परिपूर्ण हो जाता है। यहाँ की पवित्रता, दिव्यता और ऐतिहासिक गरिमा हृदय को भीतर तक स्पर्श करती है। श्रीरामलला के बालस्वरूप के पावन दर्शन से आत्मा को अद्भुत संतोष और दिव्य आनंद की अनुभूति होती है। मंदिर का प्रत्येक कण भक्ति और आस्था से ओतप्रोत प्रतीत होता है। श्री हनुमान गढ़ी की अपार शक्ति और ऊर्जा मनोबल को दृढ़ करती है, वहीं पावन सरयू नदी का शांत एवं निर्मल जल मन को शीतलता और आत्मिक शांति प्रदान करता है। यह सम्पूर्ण आध्यात्मिक अनुभव हृदय में सदा के लिए बस जाने वाला और अविस्मरणीय है।

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