कुलदीप यादव को फिर नजरअंदाज करने पर फैंस भड़के, गिल-गंभीर प्रबंधन पर उठे सवाल

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड में खेले जा रहे दूसरे वनडे से पहले टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कुलदीप यादव को लगातार दूसरे मैच में भी बाहर बैठाए जाने पर मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल की चयन नीति पर सवाल उठने लगे हैं।
पहले वनडे में बारिश से बाधित मैच में भारत की गेंदबाज़ी निराशाजनक रही थी, जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि टीम प्रबंधन दूसरे मैच में गेंदबाज़ी संयोजन में बदलाव करेगा। लेकिन सबको चौंकाते हुए भारत ने पहली जैसी ही टीम उतारी, जिसमें तीन तेज़ गेंदबाज़ — हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह और मोहम्मद सिराज — को मौका मिला। वहीं स्पिन विभाग में फिर से अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर को उतारा गया, जबकि नितीश कुमार रेड्डी को ऑलराउंड विकल्प के रूप में बरकरार रखा गया।
इसके विपरीत, ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम में तीन बदलाव किए और स्पेशलिस्ट स्पिनर एडम ज़म्पा को शामिल किया। इसी के बाद भारतीय टीम में “फ्रंटलाइन स्पिनर” की कमी को लेकर बहस तेज़ हो गई। कई पूर्व खिलाड़ियों और प्रशंसकों का मानना है कि कुलदीप यादव की मौजूदगी से भारत को मिडल ओवरों में नियंत्रण और विकेट लेने की क्षमता दोनों मिल सकती थी।
हालांकि ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर कुलदीप का रिकॉर्ड बहुत प्रभावशाली नहीं है — तीन मैचों में तीन विकेट, औसत 59.00 और इकॉनमी 5.90 — लेकिन उनकी पार्टनरशिप तोड़ने और विविधता लाने की क्षमता को देखते हुए उन्हें न खिलाना फैंस को रास नहीं आया।
सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने इस फैसले को “शॉर्ट-साइटेड” (दूरदर्शिता की कमी वाला) करार दिया। एक यूज़र ने लिखा, “जब ऑस्ट्रेलिया तीन बदलाव कर सकता है और स्पिनर शामिल कर सकता है, तो भारत क्यों नहीं?” वहीं कुछ फैंस ने गंभीर की “पेस-हैवी” सोच पर सवाल उठाए।
हर्षित राणा के चयन पर भी मिश्रित प्रतिक्रियाएं आईं। युवा तेज़ गेंदबाज़ को उनके प्रदर्शन में अस्थिरता के लिए पहले भी आलोचना झेलनी पड़ी है। हालांकि, गंभीर पहले यह कह चुके हैं कि राणा ने हर मौके को अपने प्रदर्शन से हासिल किया है।
पहले वनडे में बारिश के कारण भारत की पारी 131 रन (डीएलएस के बाद) पर सिमट गई थी, और ऑस्ट्रेलिया ने लक्ष्य को आसानी से सात विकेट से जीत लिया था। मिचेल मार्श ने नाबाद 46 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई थी।
अब एडिलेड में भी बिना बदलाव के उतरने के फैसले ने फैंस को निराश किया है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की टीम संयोजन में संतुलन की कमी साफ झलक रही है और गंभीर-गिल प्रबंधन को अब अपने फैसलों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
