श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन: 30 श्रद्धालुओं की मौत, राहत कार्य में जुटी NDRF की 17 टीमें
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के राईसी जिले में स्थित श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर मंगलवार को हुए भीषण भूस्खलन में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 14 अन्य घायल हो गए। यह हादसा अर्धकुंवारी के पास हुआ, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु फंसे हुए थे।
गृह मंत्रालय के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 17 टीमें राहत और बचाव कार्यों में लगाई गई हैं। इसके साथ ही CRPF, BSF और अन्य केंद्रीय एजेंसियां भी युद्धस्तर पर राहत कार्यों में जुटी हैं।
हेलिकॉप्टर के जरिए 32 विशेष नावें भी प्रभावित इलाकों में भेजी गई हैं ताकि फंसे हुए श्रद्धालुओं को निकाला जा सके। गृह मंत्रालय का नियंत्रण कक्ष 24×7 स्थिति की निगरानी कर रहा है। भारी बारिश और भूस्खलन को देखते हुए वैष्णो देवी यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने प्रभावितों को हरसंभव सहायता देने के निर्देश भी दिए हैं।
किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही, 10 घर बह गए
इसी दौरान किश्तवाड़ जिले के वारवान घाटी में मर्गी क्षेत्र में दो बादल फटने से भारी तबाही हुई। 10 से अधिक घर, 300 कनाल फसलें, पशुधन, और एक पुल बह गया है। लगभग 60 घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोग कपड़े और तिरपाल के तंबुओं में शरण लेने को मजबूर हैं। वारवान और मारवाह घाटियों में फोन नेटवर्क पूरी तरह ठप है, जिससे मदद के लिए संदेश भेजने में भी कठिनाई हो रही है। स्थानीय लोगों ने खुद ही प्रशासन तक अपनी परेशानी पहुंचाई है।
करीब 40,000 की आबादी वाले इस दुर्गम क्षेत्र में प्रशासन से तत्काल राहत कार्य तेज़ करने की मांग की जा रही है।झेलम नदी में बाढ़ घोषित, जम्मू-कश्मीर के कई जिले प्रभावित
इस बीच श्रीनगर के राम मुंशीबाग इलाके में झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जम्मू संभाग के सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर और सरकारी दफ्तर आज बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं (केवल राहत कार्य से जुड़े दफ्तर खुले रहेंगे)। BSNL की लैंडलाइन और फाइबर सेवाएं भी बंद हो गई हैं, जिससे मोबाइल नेटवर्क पर भी असर पड़ा है और लोगों को संचार में दिक्कत हो रही है। जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों में नदी-नालों का जलस्तर खतरे के स्तर से ऊपर बह रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
स्थिति गंभीर बनी हुई है, और प्रशासन लगातार राहत व बचाव कार्यों को आगे बढ़ा रहा है।