लॉर्ड्स टेस्ट: केएल राहुल की जल्दबाज़ी से पंत हुए रन-आउट, भारतीय ओपनर ने मानी गलती

Lord's Test: Pant got run out due to KL Rahul's haste, Indian opener admitted his mistake
(Pic: BCCI)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: तीसरे दिन के खेल के बाद लॉर्ड्स टेस्ट पूरी तरह से संतुलन में आ चुका है, लेकिन इस बीच भारतीय ओपनर केएल राहुल ने एक अहम स्वीकारोक्ति करते हुए कहा कि लंच से पहले शतक पूरा करने की उनकी जल्दबाज़ी की वजह से ऋषभ पंत का रन-आउट हुआ, जो भारत के लिए बढ़त हासिल करने की दिशा में “आदर्श स्थिति नहीं” थी।

लंच से ठीक पहले खेले जा रहे आख़िरी ओवर में पंत 74 रन बनाकर रन-आउट हो गए, जब वे राहुल को स्ट्राइक पर वापस भेजने की कोशिश कर रहे थे ताकि वे अपना शतक पूरा कर सकें। राहुल, जो लॉर्ड्स के ऑनर्स बोर्ड पर दो बार नाम दर्ज कराने वाले केवल दूसरे भारतीय बल्लेबाज़ बन चुके हैं, लंच के बाद अपना शतक पूरा करने में सफल रहे। लेकिन शतक पूरा करते ही वे आउट हो गए और भारत 254/5 के स्कोर पर फिसल गया।

दिन का खेल समाप्त होने के बाद राहुल ने स्वीकार किया कि, “उससे कुछ ओवर पहले हमारी बातचीत हुई थी। मैंने पंत से कहा था कि अगर मौका मिले तो मैं लंच से पहले शतक पूरा करना चाहूंगा। और जब बशीर आखिरी ओवर लेकर आए तो लगा कि यह अच्छा मौका हो सकता है। लेकिन दुर्भाग्यवश मैंने गेंद सीधा फील्डर को मार दी, जबकि वह एक ऐसी गेंद थी जिसे मैं बाउंड्री के लिए मार सकता था।”

उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद पंत बस स्ट्राइक रोटेट करना चाहते थे ताकि मुझे एक और मौका मिल सके। लेकिन हां, ऐसा नहीं होना चाहिए था। उस स्थिति में रन-आउट होना वास्तव में खेल की गति को बदल देता है। यह हम दोनों के लिए निराशाजनक था। ज़ाहिर है, कोई भी इस तरह से अपना विकेट गंवाना नहीं चाहता।”

राहुल का यह शतक इंग्लैंड में उनका चौथा टेस्ट शतक है। इससे पहले उन्होंने लीड्स में शतक और बर्मिंघम में अर्धशतक भी जमाया था। इंग्लैंड में चार टेस्ट शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज़ों की सूची में वह ऋषभ पंत, सचिन तेंदुलकर और दिलीप वेंगसरकर के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। राहुल ने 2021 में भी लॉर्ड्स में ही शतक बनाया था, जहां भारत ने मेज़बानों को रोमांचक अंदाज़ में हराया था।

राहुल ने बताया कि पिछले दो सालों से उन्होंने अपने खेल के मानसिक पक्ष पर भी काम किया है, खासकर प्रतिक्रिया समय (reaction time) को बेहतर बनाने पर। उन्होंने कहा, “पिछले साल में मैंने कुछ मानसिक अभ्यासों पर काम किया है। मैंने एक विशेषज्ञ के साथ समय बिताया जिन्होंने मुझे प्रतिक्रिया समय बेहतर करने में मदद की। ये मानसिक खेल होते हैं जो आपकी प्रतिक्रिया क्षमता और एकाग्रता को बेहतर करते हैं।”

उन्होंने आगे बताया, “मैंने देखा है कि यह तकनीक कई अन्य खेलों में भी इस्तेमाल होती है… खासकर फॉर्मूला 1 में। मैंने यह तरीका साल्ज़बर्ग में एक विशेषज्ञ से सीखा, जिनके साथ मेरा जुड़ाव रेड बुल के ज़रिए हुआ। मुझे वहां जाने और कुछ कोचों के साथ काम करने का मौका मिला, जो फॉर्मूला 1 और अन्य एडवेंचर स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों के साथ काम करते हैं।”

राहुल ने यह भी कहा कि लंबे समय तक बल्लेबाज़ी करने की आदत उन्हें बचपन से रही है, और अब इस मानसिक प्रशिक्षण ने उनकी एकाग्रता को और मजबूत किया है। “मैं हमेशा से लंबे समय तक बल्लेबाज़ी का आनंद लेता आया हूं। मैं घंटों तक बल्लेबाज़ी कर सकता था। मुझे लगता है कि पुराने अभ्यास और नए मानसिक पक्ष ने मिलकर मुझे पिछले कुछ वर्षों में और बेहतर बनाया है।”

तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत को 119.2 ओवरों में 387 रन पर ऑलआउट कर इंग्लैंड ने पहली पारी में बराबरी कर ली, जिससे मैच पूरी तरह से रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के इस तीसरे टेस्ट में अब फैसला चौथे और पांचवें दिन की दूसरी पारी की जंग से तय होगा।

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