मध्य प्रदेश सरकार ने ‘अनिवार्य हिजाब’ पर विवाद के बाद स्कूल की मान्यता रद्द कर दी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि मध्य प्रदेश के दमोह में गंगा जमुना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की मान्यता निलंबित कर दी गई है। इस आरोप के बाद राज्य सरकार द्वारा स्कूल की जांच की जा रही थी कि स्कूल विभिन्न धर्मों के छात्रों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर कर रहा था।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल में ‘अनियमितता’ पाई गई है और इसलिए इसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, मेरे भतीजों और भतीजों के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और मध्य प्रदेश सरकार ऐसी हरकतों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
एक अलग ट्वीट में, उन्होंने यह भी कहा कि “ऐसी गतिविधियों” को मध्य प्रदेश में अनुमति नहीं दी जाएगी। “दमोह के स्कूल में क्या हुआ था। मध्यप्रदेश की धरती पर ऐसी गतिविधियां नहीं चलेंगी, ऐसे स्कूल बंद रहेंगे।
स्कूल के खिलाफ आरोप छात्रों के परीक्षा परिणाम का एक पोस्टर लगाए जाने के बाद सामने आए, जिसमें छात्राओं को हिजाब पहने देखा गया था। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने भी मंगलवार को ट्विटर पर इस मुद्दे के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें शिकायत मिली थी कि स्कूल दूसरे धर्म की लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर कर रहा है।
आरोपों का जवाब देते हुए स्कूल के मालिक मुस्ताक खान ने कहा था कि हेडस्कार्फ स्कूल ड्रेस में शामिल था और किसी को भी इसे पहनने के लिए मजबूर नहीं किया गया था।
दमोह कलेक्टर ने 30 मई को थाना प्रभारी कोतवाली व जिला शिक्षा अधिकारी से जांच कराने पर पोस्टर के बारे में तथ्य गलत पाए जाने की बात कही थी।
कलेक्टर ने 30 मई को ट्वीट किया, “गंगा जमुना स्कूल के एक पोस्टर के संबंध में कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही जानकारी कोतवाली थाना प्रभारी और जिला शिक्षा अधिकारी से जांच करने पर तथ्य गलत पाए गए।”