छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को बड़ा झटका: माड़ क्षेत्र के 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया

Major blow to Naxalism in Chhattisgarh: 208 Naxalites from Maad region surrenderचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता के रूप में माड़ जैसे दूरस्थ इलाके से आए 208 नक्सलियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की उपस्थिति में आत्मसमर्पण किया। यह कार्यक्रम जगदलपुर स्थित रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित किया गया, जिसमें दोनों नेता वर्चुअली जुड़े।

आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व नक्सली भारत के संविधान की प्रतियां हाथों में लिए हुए नजर आए, जो उनके लोकतांत्रिक मूल्यों की ओर लौटने का प्रतीक था। उन्होंने ‘पुनः मार्गेम’ (पुनर्वास के जरिए नया जीवन) के नारों के साथ खुद को मुख्यधारा से जोड़ने की घोषणा की।

इन नक्सलियों ने कुल 153 हथियार भी सरकार के सामने रखे, जिनमें शामिल हैं:

19 AK-47 राइफल

17 SLR

23 INSAS राइफल

1 INSAS लाइट मशीन गन

36 .303 राइफल

4 कार्बाइन

11 बैरल ग्रेनेड लांचर

41 अन्य हथियार (12-बोर व सिंगल शॉट)

1 पिस्तौल

आत्मसमर्पण करने वालों में 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं।

1 सेंट्रल कमेटी सदस्य (CCM)

4 दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य (DKSZC)

1 रीजनल कमेटी सदस्य

21 डिवीजनल कमेटी सदस्य (DVCM)

61 एरिया कमेटी सदस्य (ACM)

98 निचले स्तर के कैडर

22 पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) या रिवोल्यूशनरी पीपुल्स काउंसिल (RPC) के सदस्य

सबसे प्रमुख नाम है रूपेश, जिसे सतीश या असन्ना के नाम से भी जाना जाता है। रूपेश, जिनका असली नाम टक्कलप्पल्ली वासुदेव राव (उम्र 59 वर्ष) है, सीपीआई (माओवादी) की उत्तर-पश्चिम उप-जोन का प्रमुख था और पार्टी के सैन्य विंग का खुफिया प्रमुख व बम निर्माण विशेषज्ञ माना जाता है। वह गुरुवार शाम बीजापुर पुलिस मुख्यालय में आत्मसमर्पण के लिए पहुंचे।

उनके साथ महिला कमांडर रणिता, जो माड़ डिवीजन की सक्रिय सदस्य थीं, का आत्मसमर्पण भी माओवादी कमान संरचना में बड़ा व्यवधान माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे बस्तर में उग्रवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ बताया और कहा, “बस्तर की असली ताकत यहां के लोगों की आत्मनिर्भरता, शिक्षा और गरिमा में है। हमारी शासन व्यवस्था इन्हीं मूल्यों पर आधारित है और अब दंडकारण्य के दिल में आशा और परिवर्तन ला रही है।”

उन्होंने आगे बताया कि उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त घोषित किया गया है, जो हिंसा से आशा की ओर बढ़ते कदम को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री के अनुसार, बीते 22 महीनों में भाजपा सरकार के कार्यकाल में 477 नक्सली मारे गए, 1,785 गिरफ्तार हुए, और 2,110 ने आत्मसमर्पण किया, जो कि 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में एक ठोस प्रगति है।

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