पीएम नरेंद्र मोदी की घाना यात्रा, दुर्लभ खनिजों पर ऐतिहासिक समझौता की संभावना

Major strategic success on PM Narendra Modi's visit to Ghana, historic agreement on rare mineralsचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में पश्चिम अफ्रीकी देश घाना में कदम रखते ही भारत के लिए एक अहम रणनीतिक सफलता हासिल की है। पीएम मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा के बीच हुई व्यापक वार्ताओं के बाद दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ मिनरल्स) के खनन को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है, जो भारत की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) नीति के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

भारत-घाना व्यापार अब दोगुना करने का लक्ष्य

बैठक के बाद साझा बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमने आने वाले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। भारत केवल घाना के विकास में भागीदार नहीं, बल्कि उसके यात्रा साथी भी हैं।”

राष्ट्रपति महामा की उपस्थिति में कई अहम क्षेत्रों में समझौते किए गए, जिनमें संस्कृति, पारंपरिक चिकित्सा और सबसे प्रमुख रेयर अर्थ खनिज खनन शामिल हैं। यह समझौता केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि भूराजनीतिक संकेत के तौर पर भी बेहद अहम माना जा रहा है।

चीन के दबदबे को चुनौती

गौरतलब है कि विश्व स्तर पर रेयर अर्थ मिनरल्स की आपूर्ति में चीन का लगभग एकाधिकार रहा है। ये खनिज ईवी बैटरी, विंड टर्बाइन और स्मार्टफोन जैसे उपकरणों के निर्माण में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं।

भारत के लिए यह साझेदारी चीन की पकड़ को कमजोर करने की दिशा में एक निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है। यह समझौता भारत की हरित प्रौद्योगिकी (Green Tech) को नई ऊर्जा देगा और देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा।

आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा

मोदी और महामा ने सुरक्षा के मुद्दे पर भी गहन चर्चा की और अपने द्विपक्षीय रिश्ते को “समग्र साझेदारी” (Comprehensive Partnership) के रूप में विकसित करने पर सहमति जताई। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा, “आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। हम इस वैश्विक खतरे से निपटने में सहयोग को और गहरा करेंगे।” उन्होंने घाना की ओर से भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को समर्थन देने पर आभार भी जताया।

अफ्रीका के साथ मजबूत होते भारत के रिश्ते

यह यात्रा दर्शाती है कि भारत अब अफ्रीका के साथ केवल आर्थिक साझेदारी ही नहीं, बल्कि रणनीतिक सहयोग को भी विस्तार दे रहा है। यह विदेश नीति का वह नया अध्याय है, जहां भारत वैश्विक शक्ति संतुलन में एक निर्णायक भूमिका निभाने की दिशा में बढ़ रहा है।

पीएम मोदी अब अपने पांच देशों के दौरे के अगले चरण की ओर बढ़ेंगे, लेकिन घाना में हुई यह शुरुआत आने वाले रणनीतिक संबंधों की मजबूत नींव रखती है।

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