ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा से निष्कासित किया गया, महामंडलेश्वर पद से हटाई गईं
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: 90 के दशक की प्रसिद्ध अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा से निष्कासित कर दिया गया है और उनका महामंडलेश्वर पद रद्द कर दिया गया है। यह कदम उनके सिनेमा और कथित आपराधिक अतीत से जुड़ी समस्याओं के कारण उठाया गया है।
किन्नर अखाड़े के प्रमुख रिषि अजय दास द्वारा हस्ताक्षरित एक दस्तावेज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर पद से हटाए जाने की जानकारी दी। दास ने कहा, “मैं किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने के नाते आज आपको सूचित करता हूं कि 2015-16 उज्जैन कुम्भ में नियुक्त आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है।”
रिषि अजय दास ने पत्र में आगे लिखा, “यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि वे धर्म प्रचार, धार्मिक अनुष्ठान और किन्नर समुदाय के उत्थान के उद्देश्य से नियुक्त किए गए थे, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने पद से भटककर किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों का उल्लंघन किया। 2019 के प्रयागराज कुम्भ में बिना मेरी अनुमति के उन्होंने जुना अखाड़े से एक अनुबंध किया, जो न केवल अनैतिक था, बल्कि एक प्रकार का धोखाधड़ी भी था।”
उन्होंने यह भी कहा कि जुना अखाड़े के साथ किया गया अनुबंध बिना किन्नर अखाड़े के संस्थापक की अनुमति और हस्ताक्षर के वैध नहीं है। इस अनुबंध में जुना अखाड़ा ने किन्नर अखाड़े को 14वां अखाड़ा स्वीकार किया, जो सनातन धर्म में विवाद का कारण बना।
अजय दास ने ममता कुलकर्णी के आपराधिक अतीत को देशद्रोह बताते हुए कहा कि वे “ग्लैमर से जुड़ी हुईं हैं, बिना किसी धार्मिक या अखाड़ा परंपरा का पालन किए।”
उन्होंने कहा, “इन लोगों ने किन्नर अखाड़े के प्रतीकों को नष्ट कर दिया है और जुना अखाड़े के सिद्धांतों का पालन नहीं किया है। इससे समाज और सनातन धर्म प्रेमियों को धोखा हो रहा है। इसलिए यह जानकारी सार्वजनिक हित में देना आवश्यक था।”
इस घटना के बाद किन्नर अखाड़े में बवाल मच गया है, और यह सवाल उठ रहा है कि धार्मिक संस्थानों को समाजिक छवि और परंपराओं के प्रति कितनी सख्ती बरतनी चाहिए।