मनीषा कोइराला ने योग को बताया ‘जिंदगी की तरफ लौटने का रास्ता’
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: वेटरन एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने हाल ही में जीवन की अनिश्चितताओं और उलझनों से निपटने के अपने तरीके को लेकर एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर योग करते हुए अपनी तस्वीरों की एक कोलाज शेयर की, जिसमें वह अंजनेयासन और सुखासन करती नजर आ रही हैं।
मनीषा ने कैप्शन में लिखा, “जब जीवन अनिश्चित लगता है और मन भ्रमित हो जाता है… मैं उस समय ठहराव की ओर रुख करती हूं। उस ठहराव में, मैं फिर से योग की ओर लौटती हूं — इसे व्यायाम के रूप में नहीं, बल्कि घर लौटने के तरीके के रूप में। संतुलन कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे मैं खोजती हूं, बल्कि यह वह है जहां मैं लौटती हूं।”
महिला होने के अनुभव को लेकर उन्होंने आगे लिखा, “यह नारीत्व के नाम (जो कभी आसान सफर नहीं रहा), जीवन के नाम, दोस्ती के नाम और गरिमा के साथ उम्र बढ़ाने के नाम। यह उन लोगों को चुनने के नाम, जो हमारे जीवन को अर्थ देते हैं।”
54 वर्षीय मनीषा कोइराला को हाल ही में संजय लीला भंसाली की ओटीटी डेब्यू सीरीज़ “हीरामंडी: द डायमंड बाज़ार” में देखा गया था। यह शो भारत की आज़ादी की लड़ाई के दौर में लाहौर के हीरामंडी इलाके में स्थित तवायफों की जिंदगी और उनके राजनीतिक-सामाजिक संघर्षों को दर्शाता है।
मनीषा कोइराला को 90 के दशक की सबसे सफल और लोकप्रिय अभिनेत्रियों में गिना जाता है। उन्होंने 1989 में नेपाली फिल्म ‘फेरि भेटौला’ से अभिनय की शुरुआत की और 1991 में हिंदी फिल्म ‘सौदागर’ से बॉलीवुड में कदम रखा।
इसके बाद उन्होंने ‘बॉम्बे’, ‘अग्नि साक्षी’, ‘गुप्त’, ‘1942: अ लव स्टोरी’, ‘दिल से’, ‘खामोशी’, ‘लज्जा’, ‘मुदलवन’, ‘कच्चे धागे’ जैसी कई हिट और यादगार फिल्मों में काम किया।
2000 के दशक में उन्होंने ‘एस्केप फ्रॉम तालिबान’, ‘इलेक्ट्रा’, ‘आई एम’ जैसी ऑफबीट फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी।
2012 में मनीषा को ओवेरियन कैंसर (अंडाशय के कैंसर) का आखिरी स्टेज डायग्नोज हुआ था, जिसके बाद उन्होंने एक साल तक इलाज करवाया। 2014 तक वह पूरी तरह ठीक हो गईं और 2017 में फिल्म ‘डियर माया’ से वापसी की।
आज भी मनीषा कोइराला अपने जीवन के अनुभवों और सकारात्मक सोच से लोगों को प्रेरित कर रही हैं।
