किसानों के मुद्दे को जल्द हल करने के लिए केंद्र सरकार के कई मंत्री करेंगे विभिन्न यूनियन से बात

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: किसानों का विरोध प्रदर्शन आज तीसरे दिन ज्यादा तेज होने की आशंका के बीच केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय आज शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने वाले हैं।
केंद्र और किसान नेता चल रहे ‘दिल्ली चलो’ मार्च के बीच तीसरे दौर की बातचीत के लिए तैयार हैं। दोनों पक्षों के बीच पिछली बैठकें परिणाम देने में विफल रहीं, जिसके कारण किसानों ने मंगलवार, 13 फरवरी को अपना विरोध मार्च शुरू किया।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार चुनाव की घोषणा से पहले इस मुद्दे का समाधान चाहती है। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि सरकार और पार्टी किसानों के प्रदर्शन को ज्यादा दिन तक बढ़ने नहीं देना चाहती है। बीजेपी पार्टी का मानना है कि इस से आने वाले चुनावों में 400 के आंकड़ों को पार करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, अर्जुन मुंडा और पीयूष गोयल ने किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन और संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए बुधवार को चर्चा की थी। हालांकि इसका विवरण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
They’re bringing heavy machines to break the barriers, Govt must use the strongest deterrents against these terrorists..#FarmersProtest
— 𝐒𝐮𝐝𝐡𝐢𝐫 भारतीय 🇮🇳 (@seriousfunnyguy) February 14, 2024
भारतीय किसान यूनियन (कादियान) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) पंजाब चैप्टर के हरमीत सिंह कादियान ने 16 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है, जिसमें 15 फरवरी को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पंजाब भर के टोल प्लाजा पर अतिरिक्त विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा पर सुरक्षा बलों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का सहारा लिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर जवाब दिया। कुछ किसानों ने विरोध प्रदर्शन की निगरानी कर रहे पुलिस ड्रोन को गिराने की कोशिश में पतंग उड़ाई।
हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
प्रदर्शनकारी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।