पंडित नेहरू की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई प्रमुख नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हमारे पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि।”
नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू एक प्रख्यात वकील और कांग्रेस नेता थे। पंडित नेहरू ने भारत की आज़ादी की लड़ाई और स्वतंत्र भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। वे 1920 के दशक में भारतीय राजनीति में प्रगतिशील आंदोलन का चेहरा बने और महात्मा गांधी के सहयोग से कांग्रेस के प्रमुख नेता के रूप में उभरे। गांधीजी ने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। एक महान राजनेता और मानवतावादी के रूप में, नेहरू आधुनिक भारत के दूरदर्शी निर्माता थे। उनके विचार लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों को सदैव प्रेरणा देंगे।”
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी उन्हें याद करते हुए लिखा, “स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण। देश निर्माण में उनका योगदान अद्वितीय रहा, उन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी।”
एनसीपी (शरद पवार गुट) प्रमुख शरद पवार ने कहा, “पंडित नेहरू ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव रखी। उनके विचार आज भी हमारे राष्ट्र निर्माण की दिशा तय करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “स्वतंत्रता के बाद भारत की विदेश नीति में संतुलन बनाए रखते हुए उन्होंने देश को एक आत्मनिर्भर और सम्मानित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। उन्होंने यह विचार दिया कि विकास सिर्फ आँकड़ों की प्रगति नहीं, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने वाला परिवर्तन है। आज जब मूलभूत मूल्यों पर प्रश्न उठ रहे हैं, तब नेहरू के विचार और अधिक प्रासंगिक हो गए हैं।”
पंडित नेहरू ने सितंबर 1946 से अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था और 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। उसी दिन उन्होंने ऐतिहासिक ‘नियति से साक्षात्कार’ (Tryst with Destiny) भाषण दिया और दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया।
1929 में कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने पूर्ण स्वराज की घोषणा की और भारत को स्वतंत्रता दिलाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की नींव रखी और वैश्विक मंच पर भारत की पहचान स्थापित की।
27 मई 1964 को हृदयाघात से उनका निधन हुआ। उनका पार्थिव शरीर राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा हुआ जनता के दर्शनार्थ रखा गया था। लोकसभा में दोपहर 2 बजे उनके निधन की आधिकारिक घोषणा की गई थी।
बच्चों के प्रति उनके प्रेम को देखते हुए उनके जन्मदिन 14 नवंबर को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।