मोदी, पुतिन और जिनपिंग का मिलन: एससीओ शिखर सम्मेलन में दिखी नई समीकरणों की झलक

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: तियानजिन (चीन) में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान 20 से अधिक विदेशी नेताओं की मौजूदगी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गर्मजोशी भरे पल देखने को मिले। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया, गले मिले और हल्के-फुल्के अंदाज़ में बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन आज शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल आयात को लेकर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पुतिन के साथ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “उनसे मिलना हमेशा आनंददायक होता है।” SCO सम्मेलन स्थल से आई अन्य तस्वीरों और वीडियो में पीएम मोदी, राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच भी सौहार्द्रपूर्ण माहौल देखने को मिला। तीनों नेताओं को मुस्कुराते हुए हाथ मिलाते और आपस में बातचीत करते देखा गया।
प्रधानमंत्री ने इन मुलाकातों की झलक साझा करते हुए लिखा, “तियानजिन में संवाद जारी! SCO सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया।” तीनों नेताओं की ये तस्वीरें 2018 में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की याद दिलाती हैं, जब इसी तरह की गर्मजोशी देखने को मिली थी।
यह मैत्रीपूर्ण संवाद ऐसे समय में हो रहा है जब इन तीनों देशों के अमेरिका के साथ संबंधों में तनाव बना हुआ है। रविवार को पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ भी करीब 50 मिनट लंबी द्विपक्षीय वार्ता की। बातचीत में दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को सुलझाने और सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा, “मैं भारत-चीन संबंधों को आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” उन्होंने कहा, “पिछले साल कज़ान में हमारी बातचीत बहुत सकारात्मक रही थी और उससे हमारे रिश्तों को एक दिशा मिली। सीमा पर डिसएंगेजमेंट के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना है।”
यह पीएम मोदी की सात साल बाद चीन की पहली यात्रा है, खासतौर पर 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद जब दोनों देशों के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे।
SCO शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन पीएम मोदी ने पूर्ण सत्र को संबोधित किया जिसमें 20 से अधिक विदेशी नेताओं और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने भाग लिया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उद्घाटन भाषण में वैश्विक व्यवस्था में “धौंस जमाने वाले रवैये” की आलोचना की और नेताओं से निष्पक्षता, न्याय और “कोल्ड वॉर मानसिकता, गुटबाजी और धौंस” का विरोध करने की अपील की।
राष्ट्रपति शी ने एक नए वैश्विक सुरक्षा ढांचे की अपनी परिकल्पना भी प्रस्तुत की जो अमेरिका के प्रभाव को चुनौती देती है। उन्होंने कहा कि चीन SCO के सभी सदस्यों के साथ मिलकर इस क्षेत्रीय सुरक्षा मंच को एक नए स्तर पर ले जाएगा।
SCO में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं, जबकि 16 अन्य देश पर्यवेक्षक या संवाद भागीदार के रूप में इससे जुड़े हुए हैं।