‘रम्मी’ विवाद में घिरे मंत्री माणिकराव कोकाटे से कृषि विभाग छीना, नई जिम्मेदारी सौंपी
चिरौरी न्यूज
मुंबई: रम्मी खेलने और राज्य सरकार को “भिखारी” कहने वाले विवादों में घिरे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मंत्री माणिकराव कोकाटे को गुरुवार को कृषि विभाग से हटा दिया गया है। पार्टी और भाजपा नेतृत्व वाली महायुति सरकार की छवि को नुकसान पहुंचने से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
अब कोकाटे को युवा, खेल, अल्पसंख्यक कार्य एवं औकाफ विभाग की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि इन विभागों के वर्तमान मंत्री दत्तात्रय भरणे को राज्य का कृषि विभाग सौंपा गया है।
गुरुवार देर शाम सामान्य प्रशासन विभाग की अपर मुख्य सचिव मनीषा वर्मा ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की। इससे पहले उपमुख्यमंत्री व एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से ये बदलाव करने का आग्रह किया था।
20 जुलाई को कोकाटे का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे महाराष्ट्र विधान परिषद में मोबाइल पर रम्मी खेलते नजर आए थे। इस वीडियो के सामने आने के बाद विपक्ष और किसान संगठनों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी।
छावा संगठन ने भी इस कृत्य के खिलाफ जमकर विरोध किया। इस बीच, कोकाटे का बचाव करने वाले एनसीपी युवा प्रमुख सूरज चव्हाण और नौ अन्य पर वरिष्ठ नेता विजयकुमार घाडगे से मारपीट का आरोप लगा, जिसके चलते पार्टी को चव्हाण को पद से हटाना पड़ा।
हालांकि, कोकाटे ने अपनी सफाई में कहा कि वे रम्मी नहीं खेल रहे थे, बल्कि मोबाइल ऑन करते वक्त एक विज्ञापन आया था जिसे वीडियो में दिखाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कोई बलात्कार या डकैती नहीं की, जो इस्तीफा दें।
कोकाटे ने मामले की जांच महाराष्ट्र विधान परिषद अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष से कराने की मांग की है और कहा है कि अगर जांच में दोषी पाए गए तो वे दिसंबर में नागपुर में होने वाले शीतकालीन सत्र में इस्तीफा दे देंगे।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद उपमुख्यमंत्री पवार ने उन्हें विवादास्पद बयान न देने की सख्त हिदायत दी और स्पष्ट किया कि कोकाटे को मंत्रिमंडल से बाहर नहीं किया जाएगा, लेकिन बयानबाजी से बचने को कहा गया है।
गौरतलब है कि कोकाटे पहले भी फसल बीमा योजना पर विवादास्पद बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था, “आजकल तो भिखारी भी एक रुपया नहीं लेते, लेकिन हमने किसानों को एक रुपये में बीमा दिया। कुछ लोगों ने इसका दुरुपयोग किया।” बाद में उन्होंने सफाई दी कि सरकार भिखारी है, किसान नहीं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी हालिया मंत्रिमंडल बैठक के बाद सभी मंत्रियों को चेतावनी दी है कि वे अपने विभागीय कामकाज पर ध्यान दें और अनावश्यक विवादों से बचें, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।