आधुनिक युद्ध अब पारंपरिक नहीं रहे, बल्कि अदृश्य और तकनीक-आधारित हो चुके हैं: गौतम अडानी

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: उद्योगपति गौतम अडानी ने सोमवार को आईआईटी खड़गपुर में छात्रों और संकाय को संबोधित करते हुए आज के बदलते युद्ध परिदृश्य और तकनीकी आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध अब पारंपरिक नहीं रहे, बल्कि अदृश्य और तकनीक-आधारित हो चुके हैं।
अडानी ने कहा, “आज के युद्ध खाइयों में नहीं, बल्कि सर्वर फ़ार्म में लड़े जाते हैं। इनका मुख्य हथियार एल्गोरिदम हैं, बंदूकें नहीं। आज साम्राज्य ज़मीन पर नहीं, बल्कि डेटा केंद्रों में बनते हैं। सेनाएँ अब बटालियन नहीं, बल्कि बॉटनेट होती हैं।”
उन्होंने चेताया कि देश की डिजिटल और ऊर्जा निर्भरता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। उन्होंने बताया कि भारत आज भी अपने 90% सेमीकंडक्टर आयात करता है और डिजिटल अवसंरचना में किसी भी व्यवधान से पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
ऊर्जा क्षेत्र पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “भारत अपने 85% तेल आयात पर निर्भर है। किसी भी भू-राजनीतिक हलचल से देश का विकास प्रभावित हो सकता है।”
डेटा सुरक्षा के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब भारत का डेटा देश की सीमाओं को पार करता है, तो वह विदेशी एल्गोरिदम का कच्चा माल बन जाता है, जिससे विदेशी संपत्ति और प्रभुत्व को बल मिलता है।
गौतम अडानी ने देश की रक्षा प्रणाली में आयात पर निर्भरता को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियाँ विदेशों से आती हैं, जिससे भारत की सुरक्षा विदेशी नीतियों और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भर हो जाती है।
उन्होंने कहा, “अब हमें असली आज़ादी के लिए संघर्ष करना होगा, आत्मनिर्भरता की आज़ादी। अगर हम वाकई आज़ाद होना चाहते हैं, तो हमें तकनीक, ऊर्जा और रक्षा में पूरी तरह स्वदेशी बनना होगा।”
