न्यूयॉर्क टाइम्स पर मस्क का तीखा हमला, ‘ड्रग रिपोर्ट’ को बताया झूठ का पुलिंदा

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: न्यूयॉर्क टाइम्स की एक विस्फोटक रिपोर्ट के बाद एलन मस्क ने अखबार की कड़ी आलोचना करते हुए उस पर पक्षपातपूर्ण और झूठी पत्रकारिता का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में मस्क पर ट्रंप प्रशासन में “डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE)” के प्रमुख के तौर पर कार्य करते हुए नियमित रूप से केटामाइन, एक्स्टेसी और साइकेडेलिक मशरूम जैसी मादक दवाओं का सेवन करने का आरोप लगाया गया है।
फॉक्स न्यूज के पत्रकार पीटर डूसी द्वारा इस रिपोर्ट को लेकर सवाल पूछे जाने पर मस्क ने जवाब देने के बजाय न्यूयॉर्क टाइम्स पर ही हमला बोलते हुए कहा,
“क्या यह वही न्यूयॉर्क टाइम्स है जिसे रूसगेट पर झूठी रिपोर्टिंग के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार मिला था? मुझे लगता है कि हां। अब एक जज ने भी उनके खिलाफ फैसला सुनाया है। यह वही संगठन है। चलिए, आगे बढ़ते हैं।”
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मस्क सार्वजनिक रूप से भले ही यह कहते रहे हों कि वह केवल “हर दो हफ्ते में थोड़ी मात्रा में केटामाइन लेते हैं,” लेकिन अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कई बार इसे रोजाना भी लिया। इससे उनकी सेहत, विशेषकर मूत्राशय की स्थिति, पर गंभीर असर पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, मस्क की “डेली मेडिकेशन बॉक्स” में लगभग 20 गोलियाँ होती थीं, जिनमें Adderall जैसी दवाएं भी शामिल थीं। इससे उस समय उनकी मानसिक स्थिति को लेकर चिंताएं और भी गहरी हो गईं जब वे ट्रंप के लिए $275 मिलियन का चंदा दे रहे थे और प्रशासन में एक अहम भूमिका निभा रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क का व्यवहार भी दिनोंदिन अस्थिर होता जा रहा था। उन्होंने कथित रूप से कैबिनेट सदस्यों को अपशब्द कहे और एक रैली के दौरान नाजी सैल्यूट जैसी हरकत की, जिससे व्यापक आलोचना हुई।
प्रसिद्ध लेखक और मस्क के पूर्व मित्र सैम हैरिस ने जनवरी में एक न्यूज़लेटर में लिखा,
“उनकी नैतिक समझ में या शायद वास्तविकता की समझ में ही कोई गंभीर गड़बड़ी है।”
व्हाइट हाउस के उप प्रमुख स्टीफन मिलर से जब मस्क के ड्रग्स सेवन पर सवाल किया गया, तो उन्होंने सीधे जवाब देने से बचते हुए कहा,
“हम जिन ड्रग्स को लेकर चिंतित हैं, वे वे हैं जो दक्षिणी सीमा से आ रहे हैं। अगला सवाल।”
हालांकि मस्क एक “विशेष सरकारी कर्मचारी” के रूप में कार्यरत थे, जिस कारण वे संघीय ड्रग्स नीति के कई नियमों से मुक्त थे। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि स्पेसएक्स जैसे संस्थानों में सख्त ड्रग-फ्री नीति होने के बावजूद मस्क को पहले से ड्रग टेस्ट की जानकारी मिल जाती थी, जिससे पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।
यह मामला अब ट्रंप प्रशासन के नैतिक मानदंडों और पारदर्शिता पर गंभीर बहस छेड़ रहा है।