तहव्वुर राणा से एनआईए की पूछताछ, इशरत जहां मॉड्यूल और पीएम मोदी की हत्या की साजिश से जुड़े रहस्य खुलने की उम्मीद
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा से एनआईए की चल रही पूछताछ अब 2008 के हमले से आगे बढ़कर लश्कर-ए-तैयबा की अन्य साजिशों की ओर बढ़ रही है। इसमें 2004 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिदायीन हमले की नाकाम कोशिश भी शामिल है।
एनआईए को शक है कि राणा, जिसने लगभग उसी समय लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ाव किया था जब गुजरात में आत्मघाती हमला विफल किया गया था, उस साजिश से जुड़े अंदरूनी सूत्रों की जानकारी दे सकता है।
15 जून 2004 को गुजरात पुलिस ने एक एनकाउंटर में इशरत जहां और तीन अन्य को मार गिराया था। पुलिस का दावा था कि चारों लोग गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के मिशन पर थे।
एनआईए को विश्वास है कि राणा को इस साजिश से जुड़ी अहम जानकारी अपने मित्र और लश्कर के सक्रिय सदस्य डेविड हेडली से मिली हो सकती है। हेडली ने अमेरिकी जांच एजेंसियों के सामने इशरत जहां को लश्कर-ए-तैयबा की सदस्य बताया था, जिसे मोदी की हत्या की जिम्मेदारी दी गई थी।
2004 की असफल साजिश के बाद, राणा और हेडली ने 2008 का मुंबई हमला मिलकर अंजाम दिया, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।
एनआईए को उम्मीद है कि राणा से पूछताछ के जरिए न सिर्फ 26/11 की साजिश की परतें खुलेंगी, बल्कि 2014 से पहले के लश्कर के अन्य मॉड्यूल और स्लीपर सेल्स की जानकारी भी सामने आएगी, जिनमें इशरत जहां मॉड्यूल भी शामिल है।
गौरतलब है कि 2004 में इशरत जहां मॉड्यूल को निष्क्रिय किए जाने के तुरंत बाद, उस समय की यूपीए सरकार ने इस एनकाउंटर को “फर्जी मुठभेड़” करार देने की कोशिश की थी और इसे नरेंद्र मोदी के खिलाफ राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया था।