पूर्वोत्तर अब ‘सीमांत क्षेत्र’ नहीं, विकास का अगुवा: पीएम मोदी ने निवेशकों को दिया पहला लाभ उठाने का आह्वान
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उद्योग जगत से अपील की कि वे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश कर ‘पहले निवेशक का लाभ’ (First Mover Advantage) उठाएं, क्योंकि बीते 11 वर्षों में यह क्षेत्र एक पिछड़े सीमांत क्षेत्र से विकास के अगुआ में बदल चुका है।
‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों में पूर्वोत्तर को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, जिसके चलते आज यह क्षेत्र भारत की विकास गाथा के केंद्र बिंदु में आ गया है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस नीति के अंतर्गत कैबिनेट मंत्रियों ने 700 से अधिक बार पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा किया है और प्रत्येक मंत्री को वहां रात्रि प्रवास अनिवार्य किया गया था, ताकि जमीनी हालात और जनता की आकांक्षाओं को नजदीक से समझा जा सके।
उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर का विकास सिर्फ ईंट और सीमेंट की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक जुड़ाव की भी कहानी है, जिसने क्षेत्र को एक अवसरों की भूमि में बदल दिया है।”
बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले वर्षों में:
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11,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्ग बनाए गए,
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सैकड़ों किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई,
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नदी मार्गों का विकास हुआ,
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4G और 5G कनेक्टिविटी के लिए हजारों मोबाइल टावर स्थापित हुए,
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और 1600 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन ग्रिड तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि यह मजबूत अवसंरचना अब उद्योगों को पूर्वोत्तर में निवेश का सुनहरा अवसर देती है।
शांति और मुख्यधारा में वापसी
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 10,000 से अधिक युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है। सरकार की आतंकवाद और हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति ने क्षेत्र में स्थिरता लाई है।
शिक्षा और कुशल मानव संसाधन पर जोर
पूर्वोत्तर में शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार ने 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इसमें स्कूलों, मेडिकल कॉलेजों, IIT और तकनीकी संस्थानों की स्थापना शामिल है, जिससे आज उद्योगों के लिए कुशल जनशक्ति उपलब्ध है।
दो दिवसीय समिट का उद्देश्य
23-24 मई को आयोजित यह दो दिवसीय समिट पूर्वोत्तर को एक उभरते निवेश गंतव्य के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास है। इसका उद्देश्य क्षेत्र की अविकसित आर्थिक संभावनाओं को सामने लाना और घरेलू व वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करना है।
समिट से पहले केंद्र सरकार द्वारा सभी आठों पूर्वोत्तर राज्यों की भागीदारी के साथ कई रणनीतिक रोडशो, राज्य स्तरीय बैठकें, राजदूतों से मुलाकात और द्विपक्षीय वाणिज्य मंडलों के साथ संवाद किए गए।
इन रोडशो का आयोजन मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, गुवाहाटी और नई दिल्ली में किया गया, जिससे निवेशकों में पूर्वोत्तर के प्रति रुचि और उत्साह को बढ़ाया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन ने यह स्पष्ट कर दिया कि पूर्वोत्तर अब विकास की नई धुरी है, और उद्योग जगत के लिए यह अभूतपूर्व अवसर है।