इंडिया से हुई ऑन-फील्ड तकरार ने हमारे पक्ष में काम किया: इंग्लैंड बल्लेबाज़ हैरी ब्रूक
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: इंग्लैंड के युवा और आक्रामक बल्लेबाज़ हैरी ब्रूक का मानना है कि भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट में हुई ऑन-फील्ड नोकझोंक ने उनकी टीम के पक्ष में काम किया और यह इंग्लैंड को मनोवैज्ञानिक रूप से बढ़त दिलाने में मददगार साबित हुआ।
ब्रूक ने सोमवार को मैनचेस्टर टेस्ट से पहले कहा कि लॉर्ड्स में तीसरे दिन का खेल खत्म होने से पहले भारत के खिलाड़ियों ने इंग्लैंड के ओपनर्स जैक क्रॉली और बेन डकेट पर काफी दबाव बनाया था। उस समय गेंदबाज़ी कर रहे जसप्रीत बुमराह ने क्रॉली की समय बर्बाद करने की रणनीति पर व्यंग्य करते हुए ताली बजाकर प्रतिक्रिया दी, जिससे मैदान पर तनाव का माहौल बन गया।
ब्रूक ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैंने इस सीरीज को लेकर काफी तारीफें सुनी हैं। सबने कहा कि लॉर्ड्स टेस्ट देखना मजेदार था। ऐसा लग रहा था कि 11 खिलाड़ी दो बल्लेबाज़ों पर टूट पड़े हों। हां, ये थकाने वाला था, लेकिन उस स्थिति ने फील्डिंग को और भी मजेदार बना दिया।”
हालांकि उन्होंने साफ किया कि दोनों टीमें ‘खेल की भावना’ में रहकर ही खेलना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “हम यथासंभव खेल भावना के साथ खेलने की कोशिश करते हैं। उस दिन बुमराह ने जो ओवर डाला, उसमें उन्होंने क्रॉली और डकेट पर आक्रामक रुख अपनाया। हमने उस स्थिति का विश्लेषण किया और सोचा कि अब हमें भी जवाब देना चाहिए।”
ब्रूक ने यह भी माना कि भारत द्वारा किया गया यह मनोवैज्ञानिक हमला अंततः उन्हीं के खिलाफ गया। उन्होंने कहा, “हां, मुझे लगता है कि इससे भारतीय टीम पर और दबाव पड़ा। उन्हें एक मुश्किल पिच पर छोटा लक्ष्य चेज़ करना था, और हम उस दबाव का फायदा उठाने में सफल रहे। आखिरकार वे लड़खड़ा गए और हमें 22 रनों से जीत मिली।”
इंग्लैंड फिलहाल पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे है, और अब तक तीनों टेस्ट आखिरी घंटे तक गए हैं। ब्रूक ने कहा, “हर मैच पांचवें दिन के अंतिम घंटे तक गया है, जो टेस्ट क्रिकेट में दुर्लभ होता है। लोग मुझसे कह रहे हैं कि ये सीरीज देखने में अद्भुत रही है। लॉर्ड्स का टेस्ट तो शायद अब तक का सबसे रोमांचक मैच था।”
ब्रूक ने आगे कहा कि कभी-कभी थोड़ी ‘निगल’ यानी तकरार या गहमा-गहमी भी टीम की ऊर्जा और एकजुटता को बढ़ाती है। उन्होंने कहा, “हम टीम के रूप में खेलते हैं और रणनीति बनाते हैं कि कैसे विकेट लेना है। जरूरी नहीं कि आप हर समय अच्छे बने रहें। पिछले हफ्ते हमने जानबूझकर थोड़ा माहौल गर्म किया और हो सकता है कि वह हमारे पक्ष में चला गया, या फिर हम वाकई अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे।”
ब्रूक ने इस सीरीज में मिली विभिन्न परिस्थितियों में जीत को संतोषजनक बताते हुए कहा कि हेडिंग्ले में रन चेज़, एजबेस्टन में भारतीय टीम द्वारा रक्षात्मक टोटल सेट करना, और लॉर्ड्स में आखिरी विकेट के लिए किया गया संघर्ष, सभी उदाहरण टीम के संघर्ष, संयम और कौशल को दर्शाते हैं।
उन्होंने अंत में कहा, “स्टोक्सी (बेन स्टोक्स) ने उस वक्त जिस तरह से धैर्य और नेतृत्व दिखाया, वह वाकई शानदार था। यकीनन, यह सब देखना दर्शकों के लिए भी रोमांच से भरपूर रहा होगा।”
अब सीरीज के शेष दो टेस्टों में क्या और अधिक तनावपूर्ण पल देखने को मिलेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक बात तय है – भारत और इंग्लैंड के बीच की यह टेस्ट सीरीज टेस्ट क्रिकेट के रोमांच का असली उदाहरण बन चुकी है।