पाकिस्तान ने फिर की भारतीय नकल, बिलावल भुट्टो को सौंपा ‘शांति मिशन’
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति और पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, भारत ने दुनिया के प्रमुख देशों में 7 संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। इन दलों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखना और आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को उजागर करना है।
इन प्रतिनिधिमंडलों में कांग्रेस नेता शशि थरूर, भाजपा के रविशंकर प्रसाद, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद सहित कई वरिष्ठ राजनेता और पूर्व राजनयिक शामिल हैं। ये टीमें उत्तर अमेरिका, यूरोप और पश्चिम एशिया के प्रमुख देशों की यात्रा करेंगी।
वहीं, एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत की पहल की नकल करते हुए पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी को “शांति का संदेश” लेकर विदेशी राजधानियों में भेजने की जिम्मेदारी सौंपी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने बिलावल को इस कार्य के लिए नियुक्त किया, जिसकी जानकारी खुद भुट्टो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर साझा की।
यह कदम ऐसे समय पर आया है जब 7 से 10 मई के बीच हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने पाक अधिकृत क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस चार दिवसीय सैन्य संघर्ष में ड्रोन, मिसाइल और लंबी दूरी की हथियारों का उपयोग हुआ, जिसके बाद दोनों देशों में संघर्षविराम की स्थिति बनी।
इससे पहले भी पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने सियालकोट एयरबेस का दौरा कर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदमपुर एयरबेस दौरे की हूबहू नकल की थी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत को तैयार है। जल बंटवारे जैसे अन्य मुद्दों पर कोई चर्चा तब तक नहीं होगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह से बंद नहीं करता।
इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत केवल एक ही मुद्दे पर बात करेगा — वह है पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए हिस्सों को खाली कराना।
भारत का यह कूटनीतिक अभियान और पाकिस्तान की बार-बार की नक़ल दर्शाती है कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति कहीं अधिक प्रभावशाली और सशक्त होती जा रही है।