“दोहरी जुबान वाली सरकार है पाकिस्तान की, किससे बात करें?: पूर्व मंत्री एम.जे. अकबर

"Pakistan has a double-tongued government, whom should we talk to?: Former minister M.J. Akbarचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और विदेश राज्य मंत्री रह चुके एम.जे. अकबर ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए उसे “दोमुंहा” और “विषैली जुबान वाला” देश करार दिया। कोपेनहेगन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए अकबर ने कहा कि पाकिस्तान केवल बातचीत के नाम पर समय खींचता है ताकि अगली बार के आतंकी हमले की तैयारी कर सके।

बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में गई बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे एम.जे. अकबर ने कहा, “पाकिस्तान की सरकार दो चेहरों वाली है, हम किससे बात करें? वह दोमुंही जुबान से बात करता है, हम किस जुबान का जवाब दें? जब जुबान में ज़हर हो, तो किसे नुकसान होता है? ज़हर से कभी सांप नहीं मरता।”

उन्होंने आगे कहा, “और इसके बावजूद, भारत में इतना नैतिक साहस है कि हम मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार हैं। लेकिन हम ऐसे संवाद में समय बर्बाद नहीं करेंगे जो केवल दिखावे के लिए हो। पाकिस्तान से होने वाली हर बातचीत एक दिखावा है, जिसका उपयोग वह अगले आतंकी हमले की तैयारी के लिए करता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान नीति की सराहना करते हुए अकबर ने कहा, “आज हमारे पास एक ऐसा नेता है जिसने पाकिस्तान के इस दिखावे की असलियत को उजागर किया है। किसी ने भी इतने प्रयास नहीं किए कि इस आनुवंशिक विकार (genetic disorder) से पीड़ित देश को उसकी स्थिति का एहसास कराया जा सके।”

इस बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी और समीक भट्टाचार्य, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस सांसद गुलाम अली खटाना और अमर सिंह, और राजदूत पंकज सरन भी शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे कूटनीतिक आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू किया गया है।

ऑपरेशन सिंदूर, अप्रैल 22 को हुए घातक पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की जान गई) के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई भारतीय सैन्य कार्रवाई थी।

संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य दुनिया के प्रमुख साझेदार देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तक भारत की एकजुट और दृढ़ आतंकवाद-विरोधी नीति को प्रस्तुत करना है।

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