भारत में लोगों को खेल की समझ ना के बराबर: खेल मंत्री रिजीजू

Congress tweets Rahul Gandhi's picture with the caption "Savarkar Samjha Kya", Rijiju said - don't insult the great personalityचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: भारत के खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि भारत में लोगों को और यहां तक कि संसद में उनके कुछ सहयोगियों की खेलों की समझ बेहद ही सीमित है। रिजीजू ने कहा कि मैं अपने संसद के सहयोगियों को नीचा नहीं दिखाना चाहता हूं, लेकिन उन्हें भी इसका ज्ञान नहीं है।

रिजीजू ने अभिनव बिंद्रा संस्थान की ओर से आयोजित ‘हाई परफोरमेंस लीडरशिप’ कार्यक्रम के लॉन्च के मौके पर कहा कि मैं हैरान हो गया था जब मेरे सहयोगियों ने ज्योति कुमारी, कंबाला जॉकी श्रीनिवास गौड़ा और रामेश्वर गुर्जर जैसे सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने वाले को ओलंपिक के संभावित करार दिया गया था। उन्होंने कहा कि ज्योति कुमारी कोविड-19 महामारी के दौरान अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से बिहार तक ले गयी थी और कर्नाटक के गौड़ा के बारे में दावा किया गया था कि उन्होंने लगभग 11 सेकंड में 100 मीटर कर दौड़ पूरी की। लेकिन क्या ऐसे लोग ओलिंपिक खेल सकते है।

ज्योति के बारे में रिजीजू ने कहा, ‘‘ ज्योति कोविड-19 के कारण पैदा हुई कठिन परिस्थितियों में अपने पिता को गुड़गांव (गुरुग्राम) से बिहार तक साइकिल पर ले गई थी। दुखद बात थी लेकिन मेरे कुछ सहयोगियों ने ऐसी कल्पना की कि वह साइकिलिंग में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देखिये ज्ञान की कमी लोगों को इस तरह से सोचने के लिए मजबूर करती है, बिना यह जाने कि साइकिल के फॉर्मेट क्या हैं और ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के लिए क्या मानक हैं, बस कुछ भी बोलने से नहीं होगा।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ क्रिकेट के बारे में हर कोई जानता है, अंग्रेज लोगों ने हमारे दिमाग में डाल दिया है कि खेल में दूसरी टीम को हराना होता है। लेकिन इसके अलावा, कोई ज्ञान नहीं है, सब सिर्फ गोल्ड मेडल चाहते हैं।’’ रिजीजू ने देश में खेल संस्कृति की कमी पर भी जोर देते हुए कहा कि भारत ओलंपिक में अधिक गोल्ड मेडल जीतने के लिए यह जरूरी है कि खेल को लेकर पूरा माहौल बदले।

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