पीएम मोदी और जापान के पीएम शिगेरु इशिबा की पहली द्विपक्षीय बैठक इस सप्ताह, रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक विकास पर होगी चर्चा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात करेंगे, जिसमें भारत-जापान के विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा की जाएगी। इस वार्ता में रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
यह दौरा दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विशेष मैत्री संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से हो रहा है। यह मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है जब जापान ने हाल ही में अफ्रीका शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है। विदेश नीति विश्लेषकों के अनुसार, भारत-जापान साझेदारी अब ग्लोबल साउथ और विकासशील देशों में समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाली एक मजबूत शक्ति के रूप में उभर सकती है।
जापान ने पहले ही अफ्रीकी देशों में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश किया है। पूर्व राजनयिक गुरजीत सिंह ने ‘आउटलुक’ में लिखा कि जापान, भारत और अफ्रीका के बीच भारतीय महासागर को वाणिज्यिक संपर्क का राजमार्ग बनाना चाहता है। इस दीर्घकालिक दृष्टिकोण में खनिज आपूर्ति श्रृंखला का विकास भी शामिल है, जिसमें अफ्रीका से कच्चा माल, स्थानीय स्तर पर प्राथमिक प्रोसेसिंग, भारत में आगे की प्रक्रिया और जापानी उद्योगों द्वारा उसका उपभोग शामिल है। इसे “चाइना-प्लस-वन” रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) ने हाल ही में भारत की आविष्कार कैपिटल की ग्लोबल सप्लाई चेन सपोर्ट फंड में 40 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है। यह साझेदारी एशिया और अफ्रीका के कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखला में स्थायी लघु और मध्यम उद्यमों (SMEs) को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी 29 अगस्त को इस यात्रा पर रवाना होंगे। यह प्रधानमंत्री इशिबा के साथ उनका पहला वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा और पीएम मोदी के कार्यकाल में जापान की आठवीं यात्रा होगी, जो दोनों देशों के मजबूत संबंधों को दर्शाता है।
इस यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे सम्मेलन में भाग लेने वाले कई अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।