प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति में सफलता के लिए समर्पण, संचार और मिशन की अहमियत पर जताया जोर

PM Modi emphasizes the importance of dedication, communication and mission for success in politicsचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ेरोधा के संस्थापक निखिल कामथ के साथ एक पॉडकास्ट में राजनीति में सफलता के लिए जरूरी गुणों पर चर्चा की। उन्होंने संचार की शक्ति, समर्पण और लोगों से जुड़े रहने की अहमियत पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग मिशन के साथ काम करते हैं, वे राजनीति में सफलता प्राप्त करेंगे, जबकि जो केवल व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से प्रेरित होते हैं, वे विफल हो जाएंगे।

कामथ के सवाल का जवाब देते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “राजनीति में प्रवेश करना आसान है, लेकिन सफलता प्राप्त करना एक पूरी तरह से अलग चुनौती है।” उन्होंने आगे कहा, “राजनीति में सफलता के लिए गहरी निष्ठा, लोगों के साथ लगातार संपर्क और टीम के रूप में काम करने की क्षमता जरूरी है। अगर कोई यह मानता है कि सभी उन्हें सुनेंगे या उनका तरीका अपनाएंगे, तो वह गलत हैं। वे कुछ चुनाव जीत सकते हैं, लेकिन यह गारंटी नहीं है कि वे एक सफल नेता बन पाएंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की राजनीतिक परिस्थितियों के बीच तुलना की। उन्होंने कहा, “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न पृष्ठभूमियों से लोग शामिल हुए थे, जिन्होंने अलग-अलग तरीकों से योगदान दिया था। कुछ ने जनता को शिक्षित किया, कुछ ने खादी बनाने में योगदान दिया और कई ने जनजातीय उत्थान पर काम किया। लेकिन इन सभी को एक सामान्य भावना ने एकजुट किया – देशभक्ति।”

“स्वतंत्रता के बाद, इनमें से कुछ लोग राजनीति में आए, जो अद्वितीय परिपक्वता, समर्पण और उद्देश्य से भरे हुए थे,” उन्होंने कहा। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि “यह जरूरी है कि अच्छे लोग राजनीति में मिशन के साथ आएं, व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए नहीं।”

उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा, “गांधी जी एक महान वक्ता नहीं थे, लेकिन उनकी शख्सियत और लोगों से जुड़ाव ने देश को एकजुट किया। गांधी जी ने कभी टोपी नहीं पहनी, लेकिन दुनिया को ‘गांधी टोपि’ याद है। यही असली संचार और नेतृत्व की ताकत है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि “प्रोफेशनल राजनेता” जिनके भाषण शानदार होते हैं, वे थोड़े समय के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक नहीं टिक सकते।

जब उनसे युवाओं के राजनीति में प्रवेश के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “भारत को एक लाख समर्पित युवा राजनेताओं की आवश्यकता है, जो निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करना चाहते हों।”

“राजनीति सिर्फ लेना, पाना और बनाना (taking, gaining, and making) नहीं होनी चाहिए। ऐसी मानसिकता लंबी अवधि तक टिक नहीं सकती,” उन्होंने कहा।

जब राजनीति और उद्यमिता की तुलना करने के लिए कहा गया, तो पीएम मोदी ने समझाया कि जहां उद्यमी अपनी कंपनी की वृद्धि और सफलता के लिए काम करते हैं, वहीं राजनीति मूल रूप से राष्ट्र को पहले रखने के बारे में है।

मुख्य बातें:

  • पीएम मोदी का पॉडकास्ट डेब्यू: पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने पहले पॉडकास्ट में कहा, “यह मेरा पहला पॉडकास्ट है, मुझे नहीं पता कि यह आपके दर्शकों को कैसा लगेगा।”
  • गुजरात मुख्यमंत्री के रूप में भाषण पर विचार: मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए अपने एक भाषण को याद करते हुए कहा, “मैंने कुछ असंवेदनशील तरीके से कहा था। गलतियाँ होती हैं। मैं इंसान हूँ, भगवान नहीं।”
  • गलतियों को स्वीकार करते हुए: पीएम मोदी ने कहा, “मैंने एक भाषण में कहा था, ‘मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा’, ‘मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा’ और ‘मैं इंसान हूँ जो गलतियाँ कर सकता हूँ, लेकिन मैं कभी भी बुरे इरादे से कुछ भी गलत नहीं करूँगा।’ यह मेरे जीवन का मंत्र है।”
  • बचपन की यादें: मोदी ने अपने बचपन के बारे में बताया, “मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों के कपड़े धोता था। इस वजह से, मुझे तालाब पर जाने की अनुमति थी।”

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