पीएम मोदी सिपेट जयपुर सहित राजस्थान में चार मेडिकल कॉलेज की रखी आधारशिला

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान में चार मेडिकल कॉलेजों की वर्चुअल तरीके से आज आधारशिला रखी। जयपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि एम्स नेटवर्क तेजी से फैलना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि, साल 2014 के बाद से राजस्थान में 23 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी थी। इनमें से 7 मेडिकल कॉलेज काम करना शुरू कर चुके हैं। और आज बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा में नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण की शुरुआत हुई है। मैं इन क्षेत्रों के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि यहां के जो जनप्रतिनिधि रहे हैं सभी राजस्थान में मेडिकल इंफ्रा को लेकर काफी जागरूक रहे हैं। मुझे विश्वास है, इन नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण राज्य सरकार के सहयोग से समय पर पूरा होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इन नये मेडिकल कॉलेज का निर्माण राज्य सरकार के सहयोग से वक्त पर पूरा हो जाएगा। देश के स्वास्थ्य क्षेत्र की जो कमियां मुझे अनुभव होती हैं, बीते 6-7 सालों से उसे दूर करने का निरंतर प्रयास जारी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि, “स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी स्किल्ड मैनपावर का सीधा असर प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं पर होता है। इसे हमने इस कोरोना काल में औऱ ज्यादा महसूस किया है।केंद्र सरकार के सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीनअभियान की सफलता इसी का प्रतिबिंब है। आज भारत में कोरोना वैक्सीन की 88 करोड़ से अधिक डोज लग चुकी है। राजस्थान में भी 5 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लग चुकी है। हजारों सेंटर्स पर हमारे डॉक्टर्स, नर्सेस, मेडिकल स्टाफ लगातार वैक्सीनेशन करने में जुटे हैं। मेडिकल क्षेत्र में देश का ये सामर्थ्य हमें और बढ़ाना है। गांव और गरीब परिवारों से आने वाले युवाओं के लिए सिर्फ अंग्रेज़ी भाषा में मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन की पढ़ाई एक और बाधा रही है। अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं में मेडिकल की पढ़ाई का भी मार्ग बना है। राजस्थान के गांव की, गरीब परिवारों की माताओं ने अपनी संतानों के लिए जो सपने देखे हैं, वो अब और आसानी से पूरे होंगे।गरीब का बेटा भी, गरीब की बेटी भीजिसको अंग्रेजी स्कूल में पढ़ने का मौका नहीं मिला है। वो भी अब डॉक्टर बनकर के मानवता की सेवा करेगी। आवश्यक ये भी है कि मेडिकल शिक्षा से जुड़े अवसर समाज के हर हिस्से, हर वर्ग को समान रूप से मिलें। मेडिकल शिक्षा में ओबीसी और आर्थिक रूप से कमज़ोर सामान्य वर्ग के युवाओं को आरक्षण देने के पीछे भी यही भावना है।“

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