पीएम मोदी का जम्मू-कश्मीर दौरा: आतंकवाद को करारा जवाब, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लाइन
चिरौरी न्यूज
जम्मू-कश्मीर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने जम्मू-कश्मीर दौरे पर कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनका मकसद न सिर्फ क्षेत्र की कनेक्टिविटी को सशक्त बनाना है बल्कि आर्थिक विकास को भी नई गति देना है। यह दौरा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी की पहली यात्रा है, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी।
तीन दशक पुरानी परियोजना पूरी, कश्मीर को मिला रेलवे से देश से जुड़ाव
इस दौरे का मुख्य आकर्षण है 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लाइन (USBRL) का उद्घाटन, जो 1994 में स्वीकृत की गई थी। इस परियोजना का सबसे बड़ा चमत्कार है चिनाब रेलवे ब्रिज, जो अब दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज बन गया है। इसके अलावा, भारत का पहला केबल-स्टे रेल ब्रिज अंजी खड्ड पुल भी आज उद्घाटन के लिए तैयार है।
पीएम मोदी की यह यात्रा आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश के रूप में भी देखी जा रही है। पीएम ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था, “आतंक के खिलाफ इस लड़ाई में 140 करोड़ देशवासियों की एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हम निर्णायक कार्रवाई करेंगे और दोषियों को सबसे कड़ी सज़ा देंगे।”
इस बीच, ऑपरेशन सिंदूर के तहत नियंत्रण रेखा पार आतंकी ढांचों को निशाना बनाया जा रहा है।
चिनाब ब्रिज: विश्व में सर्वोच्च, इंजीनियरिंग का चमत्कार
चिनाब ब्रिज, जो रियासी जिले के कौरी और बक्कल गांवों के बीच स्थित है, चिनाब नदी से 359 मीटर ऊंचा है, यानी एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊँचा। इसकी लंबाई 1315 मीटर है और यह 260 किमी/घंटा तक की हवाओं और भूकंप को सहन कर सकता है। इसकी लागत ₹1,486 करोड़ है और अनुमानित आयु 120 वर्ष बताई गई है।
वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ
कटरा से वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर तक पहुंचने के बाद पीएम मोदी दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे — एक बारामुला की ओर और दूसरी कटरा की ओर वापसी में। ये ट्रेनें 7 जून से सप्ताह में छह दिन चलेंगी।
USBRL परियोजना के अंतर्गत 272 किलोमीटर में से 209 किलोमीटर पहले ही चार चरणों में चालू किए जा चुके थे:
- काज़ीगुंड से बारामुला (118 किमी) — 2009
- बनिहाल से काज़ीगुंड (18 किमी) — 2013
- उधमपुर से कटरा (25 किमी) — 2014
- बनिहाल से संगलदान (48.1 किमी) — 2024 की शुरुआत में
अंतिम और सबसे कठिन खंड संगलदान से रियासी (46 किमी) दिसंबर 2024 में पूरा हुआ, जिसमें कई सुरंगें और पुल शामिल हैं।
टेक्नोलॉजी और सुरक्षा में आत्मनिर्भर भारत
कटरा-बनिहाल खंड में 97.4 किमी सुरंगें और 49 पुल हैं, जिनमें प्रमुख हैं: चिनाब ब्रिज, अंजी ब्रिज, ब्रिज 220 और ब्रिज 224। T-50 सुरंग, जिसकी लंबाई 12.77 किमी है, भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग है। सभी सुरंगों में अंतरराष्ट्रीय मानकों के सुरक्षा उपकरण, सीसीटीवी और फायर सेफ्टी मौजूद हैं।
पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बूस्ट
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बारामुला से जम्मू तक पांच टर्मिनल बनाए जा रहे हैं, जिससे फल, हस्तशिल्प और अन्य कश्मीरी उत्पादों का परिवहन आसान हो सकेगा। हाल ही में की गई चेरी की रेल शिपमेंट की सफलता के बाद इसे अन्य फसलों तक भी बढ़ाया जाएगा।
रेल सेवा शुरू होने से अब कश्मीर की यात्रा जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर निर्भर नहीं रहेगी, जो बर्फबारी और भूस्खलन के चलते अक्सर बंद हो जाता है। इससे फ्लाइट के किराये भी नियंत्रित रहेंगे।
यह दौरा सिर्फ बुनियादी ढांचे का उद्घाटन नहीं, बल्कि यह कश्मीर में शांति, विकास और विश्वास का एक नया अध्याय है।