प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साइप्रस दौरा: व्यापारिक सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को मिली नई ऊंचाई
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडूलाइड्स के साथ एक महत्वपूर्ण बिजनेस राउंडटेबल में हिस्सा लिया, जिसमें दोनों देशों के प्रमुख CEOs ने भाग लिया। इस मुलाकात का उद्देश्य भारत और साइप्रस के बीच व्यापारिक, तकनीकी, ऊर्जा और नवाचार जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त बनाना था।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर कहा, “व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देना! राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडूलाइड्स और मैंने भारत-साइप्रस के वाणिज्यिक संबंधों को और सशक्त बनाने के लिए प्रमुख CEOs के साथ बातचीत की। नवाचार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में व्यापक संभावनाएं हैं। मैंने भारत के पिछले दशक के सुधार और विकास यात्रा पर भी चर्चा की।”
इस अवसर पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने भी कहा, “निवेश, तकनीक और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत किया जा रहा है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति क्रिस्टोडूलाइड्स द्वारा संबोधित बिजनेस राउंडटेबल में दोनों देशों की प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। व्यापार, निवेश, वित्तीय सेवाएं, फिनटेक, स्टार्टअप, नवाचार, AI, IT, लॉजिस्टिक्स, रक्षा, कनेक्टिविटी, शिपिंग और मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर चर्चा हुई।”
राष्ट्रपति क्रिस्टोडूलाइड्स ने अपने X पोस्ट में लिखा, “आज हम नई पुलों का निर्माण कर रहे हैं; हम साइप्रस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग को गहरा और व्यापक बना रहे हैं। साथ मिलकर हम विश्वास और साझा मूल्यों पर आधारित एक नई रणनीतिक साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐतिहासिक दौरे का साइप्रस ने गर्मजोशी से स्वागत किया। लारनाका एयरपोर्ट पर उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा पिछले दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली साइप्रस यात्रा है।
दौरे के दौरान भारतीय प्रवासी समुदाय ने “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारों से उनका स्वागत किया। एक प्रवासी नागरिक ने “जय हिंद, ऑपरेशन सिंदूर, जस्टिस इज़ सर्व्ड” लिखी तख्ती लेकर हाल की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का समर्थन किया।
प्रधानमंत्री मोदी को उनके योगदान के लिए साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से भी सम्मानित किया जाएगा।
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब साइप्रस 2026 में यूरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है। इस संदर्भ में भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में यह यात्रा अहम मानी जा रही है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लारनाका पहुंचते ही साइप्रस के विदेश मंत्री कॉन्स्टैंटिनोस कॉम्बोस से मुलाकात की और दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा देने पर चर्चा की।
इस दौरे को स्थानीय मीडिया ने “द्विपक्षीय कूटनीति में एक ऐतिहासिक मोड़” बताया है और इसे भारत-मेडिटेरेनियन संबंधों में नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी यहां से कनाडा में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होंगे, लेकिन साइप्रस में उनका यह दौरा भारत के वैश्विक रणनीतिक दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभरा है।