बम धमकियों पर राजनीति को लेकर गरमाई सियासत: वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल और आतिशी पर लगाए आरोप

Politics over bomb threats heats up: Virendra Sachdeva accuses Kejriwal and Atishiचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: दिल्ली में शैक्षणिक संस्थानों और एयरलाइनों को मिल रही बम धमकियों के बीच दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने विपक्षी नेताओं पर इस गंभीर मसले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। सचदेवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री आतिशी पर अनावश्यक डर फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब पूरी दुनिया में जिम्मेदार राजनीतिक दल ऐसे मामलों में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करते हैं, वहीं भारत में कुछ नेता ऐसे गंभीर विषयों पर भी “सस्ते बयानबाजी” करते हैं। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश हमारे देश में अरविंद केजरीवाल जैसे छोटे स्तर के नेता हैं जो संवेदनशील मुद्दों पर भी सस्ती राजनीति करने से नहीं चूकते।”

यह बयान उस वक्त आया है जब हाल ही में सेंट स्टीफेंस कॉलेज और सेंट थॉमस स्कूल को धमकी भरे ईमेल मिले, जिसके बाद दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्तों और फायर ब्रिगेड की टीमें सक्रिय हो गईं। तलाशी के दौरान कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली और इन धमकियों को फिलहाल फर्जी माना जा रहा है।

सचदेवा ने चिंता जताई कि स्कूलों, एयरलाइनों, अस्पतालों और धार्मिक स्थलों को धमकी भरे ईमेल मिलने की घटनाएं अब वैश्विक स्तर पर आम होती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भले ही 99.9 प्रतिशत मामलों में ये धमकियां झूठी साबित होती हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को इन्हें पूरी गंभीरता से लेना चाहिए।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछले कुछ मामलों में कुछ धमकी भरे ईमेल दिल्ली के छात्रों द्वारा भेजे गए थे, इसलिए किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पूरी जांच जरूरी है। दिल्ली पुलिस ने ताजा मामलों में जांच शुरू कर दी है। इससे पहले भी 2024 और इस साल की शुरुआत में सैकड़ों स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिले थे, जिनमें से कई VPN के जरिए भेजे गए थे, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया था।

सचदेवा ने जनता से अपील की कि वे शांत रहें और पुलिस पर भरोसा रखें। उन्होंने विश्वास जताया कि सच्चाई जल्द सामने आएगी और दोहराया कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर राजनीति करना सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों को कमजोर करता है।

इन घटनाओं ने एक बार फिर सुरक्षा आपात स्थितियों के दौरान राजनीतिक बयानबाजी की भूमिका पर बहस छेड़ दी है, जहां सभी दलों से संयम और सहयोग की अपेक्षा की जा रही है। इस बीच, जांच के साथ-साथ निगरानी भी बढ़ा दी गई है और संस्थानों को सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

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