प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना, “क्या जेल से सरकार चलाना सही है?”

Prime Minister Modi targeted the opposition, "Is it right to run the government from jail?"चिरौरी न्यूज

गया (बिहार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के गया में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए तीन विवादित विधेयकों का जोरदार बचाव किया और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर करारा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री जेल में रहकर सरकार चला सकते हैं?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अगर कोई सरकारी कर्मचारी 50 घंटे के लिए भी जेल चला जाए, तो उसकी नौकरी चली जाती है – चाहे वो ड्राइवर हो, क्लर्क हो या चपरासी। फिर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री जेल में रहकर पद पर क्यों बना रहे?”

उन्होंने आगे कहा, “जेल से फाइलें साइन की जा रही थीं, आदेश दिए जा रहे थे – ऐसी मानसिकता वाले नेता देश से भ्रष्टाचार कैसे मिटाएंगे?”

प्रधानमंत्री का इशारा आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ था, जो शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद जेल से सरकार से जुड़े कार्यों में सक्रिय रहे थे। केजरीवाल को बाद में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी।

तीन विधेयक जो बने विवाद का कारण:

  1. Government of Union Territories (Amendment) Bill, 2025
  2. Constitution (One Hundred and Thirtieth Amendment) Bill, 2025
  3. Jammu and Kashmir Reorganisation (Amendment) Bill, 2025

इन विधेयकों में यह प्रावधान है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री को किसी अपराध में गिरफ्तार किया जाता है और वे लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहते हैं, तो उन्हें 31वें दिन पद से हटा दिया जाएगा। ये अपराध वे होंगे जिनमें कम से कम 5 साल की सजा का प्रावधान है।

विपक्ष का कड़ा विरोध:

कांग्रेस, राजद और वाम दलों ने इन विधेयकों को संविधान विरोधी बताते हुए संसद में तीव्र विरोध किया। गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने संसद में विधेयकों की प्रतियां फाड़ दीं और कहा कि ये कानून “निर्दोष जब तक दोषी सिद्ध न हो” की कानूनी अवधारणा को खत्म करते हैं और देश को एक पुलिस राज्य बना सकते हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “हम मध्यकालीन युग की तरफ जा रहे हैं, जहां राजा किसी को भी अपनी मर्जी से हटा सकता था। अगर प्रधानमंत्री को आपका चेहरा पसंद नहीं आता, तो एजेंसियों से केस करवा देते हैं और फिर 30 दिन में एक निर्वाचित नेता को हटा दिया जाता है।”

उन्होंने यह भी कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम एक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव क्यों कर रहे हैं,” उनका इशारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हालिया इस्तीफे की ओर था।

मोदी का जवाब:

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और राजद से पूछा, “वे किस बात से डरते हैं? बिहार की जनता जानती है कि राजद नेताओं ने हमेशा भ्रष्टाचार किया है। एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून लेकर आई है – और प्रधानमंत्री भी इसके दायरे में आता है।”

विवाद के बावजूद, केंद्र सरकार का कहना है कि यह कानून जवाबदेही और नैतिकता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।

 

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